Bhavishya Malaika Prediction 2025: कहा जाता है कि अच्युतानंद दास जी भगवान जगन्नाथ के परम भक्त, कवि, दृष्टा और वैष्णव संत थे। उनके काल को विद्वानों द्वारा 1480 और 1505 के बीच कहीं माना है। वे ओडिशा के पंच शाखाओं में से एक थे। कहा जा रहा है कि संत अच्युतानंद चैतन्य महाप्रभु के भी मित्र थे। ये सभी लोग पुरी के जगन्नाथ मंदिर की सेवा में थे। इन पांचों सखाओं ने मिलकर करीब 1 लाख किताबें लिखी हैं, जिनमें से अब कुछ ही बची है। यह सभी पुस्तकें जगन्नाथ पुरी के महंतों के अधिकार में है। अच्युतानंद दास ने 318 पुस्तकें लिखी हैं। इन पुस्तकों को अच्युतानंद मालिका के नाम से जाना जाता है। इन्हीं में से जो भविष्य का कथन करती है उसे भविष्य मालिका कहा जाता है। दावा है कि उन्होंने भारत के आने वाले भविष्य के बारे में 500 साल पहले ही लिख दिया था। भविष्य मालिका के अनुसार 13 दिन के पक्ष के बाद शनि के मीन में जाने से भारत में कुछ बड़ा होगा। वर्ष 2024 में 13 दिन का पक्ष था और इसके बाद 29 मार्च 2025 को शनि ने मीन राशि में गोचर किया है। इसके बाद 22 अप्रैल को पहलगाम पर हमला हुआ जिसके चलते भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की नौबत आ गई है।
1. भविष्य मालिका के अनुसार 13 दिनों के पक्ष के बाद 2025 में जब शनि मीन योग पड़ेगा तब यह समय एक विभिषिका के समान होगा। वहीं लोग बचेंगे तो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे। शनि जब मीन राशि में प्रवेश करेंगे तब भारत पर संकट के बादल छाएंगे। ढाई वर्ष तक अराजकता रहेगी।
2. शनि मीन योग में एक संत के हाथों में होगी देश की बागडोर जो अविवाहित होगा। वही संपूर्ण क्षत्रप होगा। उसमें विश्व का नेतृत्व करने की अद्भुत क्षमता होगी और वह धर्म के सहारे शांति स्थापित कर पाएगा।
3. जब गगन गादी पर होंगे और उड़ीसा के दिव्य सिंह राजा गादी पर होंगे तब भारत पर आक्रमण होगा। ओडिशा पर जो बम गिराए जाएंगे वह काम नहीं नहीं करेंगे। भारत ही अंत में जीत जाएगा।...उल्लेखनीय है कि वर्तमान में ओडिशा के राजा दिव्यसिंह गजपति गद्दी पर विराजमान हैं और गगन नामक सेवक भी जगन्नाथ मंदिर की गद्दी पर विराजमान हैं।
4. इसी दौरान भगवान कल्कि प्रकट होंगे, जो युद्ध में भारत का साथ देंगे। भगवान कल्कि संभल ग्राम में होगा। संभल ग्राम उत्तर प्रदेश में भी है और उड़ीसा में ही है। कल्कि भगवान का नाम चक्रमणी या चक्रधर होगा। उनके पिता के नाम विष्णुशर्मा होगा।
5. इस दौरान 64 तरह की बीमारियों का प्रकोप रहेगा। दुनिया युद्ध और महामारी से परेशान रहेगी।
6. पाकिस्तान का नामोनिशान ही मिट जाएगा। पाकिस्तान के साथ मिलकर लड़ने वाली शक्ति कमजोर और दयनीय हो जाएगी। रूस एक हिन्दू देश बन जाएगा। यूरोप युद्ध लड़ने लायक नहीं रहेगा। वहां की जनसंख्या न के बराबर होगी। अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। चीन के कई टुकड़े हो जाएंगे। रशिया से सैकड़ों लोग जगन्नाथ जी के दर्शन करने आएंगे और ढेर सारा सोना अर्पित करेंगे।
7. जगन्नाथपुरी को जोड़ने वाले एक राष्ट्रीय मार्ग का निर्माण होगा। ओड़ीसा का अंतिम राजा एक बालक वृद्ध होगा। यानी बाल बुद्धि होगा। भगवान जगन्नाथ के धाम पुरी मंदिर के ऊपर से पत्थर नीचे गिरेंगे और मंदिर का ध्वज कई बार गिरेगा। इस दौरान प्राकृतिक आपदा के चलते भारतवर्ष में नीलांचल (जगन्नाथ पुरी) समुद्र के गर्भ में विलीन हो जाएगा। जब गगन गादी संभालेंगे तब जगन्नाथ का मंदिर समुद्र के जल में डूब जाएगा। मंदिर क्या संपूर्ण ओडिशा में जल प्रलय होगी।
8. इंसान के घर पर जानवरों का हमला होगा। आए दिन इंसान और जानवरों में भिड़ंत होते हुए देखेंगे। शहरों में जंगली जानवर घूमते रहेंगे।
9. प्राकृतिक आपदाएं तबाही मचाएगी, विचित्र महामारी और बीमारियां से जनता त्रस्त रहेगी। हवाएं लोगों को बहुत परेशान करेगी।
10. कलयुग के अंत के समय जीवन देने वाला सूर्य जीवन लेने वाला बन जाएगा। महागुप्त पद्म कल्प के अनुसार भगवान जगन्नाथ अपने हाथ में 12 हाथ की खड़ग लेकर पूरी धरती पर भ्रमण करके समस्त मलेच्छ लोगों को संहार करेंगे। जब सभी का संहार हो जाएगा तभी कलियुग का अंत हो जाएगा। इसके बाद 1,000 साल तक शांति का युग बना रहेगा।
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