जानिए महान ज्योतिषाचार्य आर्यभट्ट के बारे में

Webdunia

आर्यभट्ट (प्रथम)-

आर्यभट्ट ही ऐसे प्रथम गणितज्ञ ज्योतिर्विद् हैं, जिनका ग्रंथ एवं विवरण प्राप्त होता है। वस्तुत: ज्योतिष का क्रमबद्ध इतिहास इनके समय से ही मिलता है। इनका गणित ज्योतिष से संबद्ध आर्यभटीय-तंत्र प्राप्त है, यह उपलब्ध ज्योतिष ग्रंथों में सबसे प्राचीन है। 

इसमें दशगीतिका, गणित, कालक्रिया तथा गोल नाम वाले चार पाद हैं। इसमें सूर्य और तारों के स्थिर होने तथा पृथ्वी के घूमने के कारण दिन और रात होने का वर्णन है।

इनके निवास स्थान के विषय में विद्वानों में मतैक्य नहीं है, कुछ लोग दक्षिण देश के 'कुसुमपुर' को इनका स्थान बताते हैं तथा कुछ लोग 'अश्मकपुर बताते हैं। 
 
 गणित-ज्योतिष के विषय में आर्यभट्ट के सिद्धांत अत्यंत मान्य हैं। इन्होंने सूर्य और चंद्र ग्रहण के वैज्ञानिक कारणों की व्याख्या की है और वर्ग, वर्गमूल, घन, घनमूल आदि गणितीय विधियों का महत्वपूर्ण विवेचन किया है। 
Show comments

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

एकादशी पर श्रीहरि विष्णु के साथ करें इन 3 की पूजा, घर में लक्ष्मी का स्थायी वास हो जाएगा

गंगा सप्तमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है, जानिए महत्व

Shukra aditya yoga 2024: शुक्रादित्य राजयोग से 4 राशियों को होगा बेहद फायदा

04 मई 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

अगला लेख