Nirjala Ekadashi 2025 : निर्जला एकादशी पर बन रहा है सबसे बड़ा राजयोग, इस नियम का करें पालन

WD Feature Desk
बुधवार, 4 जून 2025 (18:17 IST)
Nirjala Ekadashi 2025: ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला और भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस दिन जल ग्रहण नहीं करते हैं इसलिए इसे निर्जला कहते हैं। इस एकादशी का व्रत 6 जून 2025 शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। जिसका पारण 7 जून को होगा। इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से 2 है रवि योग और भद्र योग।
 
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 06 जून 2025 को मध्यरात्रि 02:15 बजे से (5 जून की रात को)।
एकादशी तिथि समाप्त- 07 जून 2025 को तड़के 04:47 बजे समाप्त।
रवि योग: सुबह 05:23 से 06:34 बजे तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:52 से दोपहर 12:48 तक।
7 जून पारण का समय: दोपहर 01:44 से दोपहर 04:31 तक।
 
भद्रयोग क्या होता है?
निर्जला एकादशी 6 जून शुक्रवार को हैं और इसी दिन बुध ग्रह स्‍वराशि मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं। ग्रहों के राजकुमार बुध जब स्‍वराशि में प्रवेश करते हैं तो भद्र राजयोग बनता है। ज्‍योतिष में भद्र राजयोग को धन संपत्ति और वैभव में वृद्धि के लिए बहुत ही उत्‍तम संयोग माना जाता है। ALSO READ: निर्जला एकादशी कब है, क्या है पारण का समय, भूलकर भी न करें 11 काम
 
निर्जला एकादशी व्रत के नियम:
• निर्जला एकादशी के दिन अन्न और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।
• दिन में सोना नहीं चाहिए।
• ब्रह्मचर्य का पालन करें।
• किसी गरीब व्यक्ति को दान करें।
• भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
• यदि किसी प्रकार की समस्या है तो फलाहार या जलीय व्रत रख सकते हैं।
• पारण के समय का ध्यान रखें और पहले जल ग्रहण करें।
• परनिंदा यानी दूसरों की बुराई नहीं करना चाहिए। 
• स्वार्थ के लिए किसी भी दूसरे व्यक्ति को जानबूझ कर दुख न दें।
• सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।

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