जानिए, कौन से पक्षी किस बात के प्रतीक हैं...

Webdunia
चकोर : जीवन की सुरक्षा का प्रतीक पक्षी है। रोग के समय चकोर का ध्यान करना आयु की वृद्धि का सूचक है। विषाक्त पदार्थों को देखकर चकोर की आंखों का रंग बदल जाता है। इस पक्षी को पूज्य माना गया है।

बगुला- : दंभ, अहंकार तथा धोखे की प्रवृत्ति से लांछित पक्षी है अत: निंदनीय है।
 
सारिका- : रहस्यमय है तथा चुगली की प्रतीक है।
 
सारस- : सतर्कता का प्रतीक है।

चातक- स्वाभिमानी तथा आत्मगौरव का प्रतीक है।
 
चक्रवाक- : रात्रि में विरह का अभिशाप है।

चकोर- : उदात प्रणय का उदाहरण है।
 
हंस- : आध्‍यात्मिक शक्ति, उन्नयन तथा प्रशांति का प्रतीक है।

काक (कौआ)- : घर की छत से किया गया 'काक' शब्द अतिथि के आगमन तथा शुभ समाचार का सूचक है। इसके विपरीत कौवों का कांव-कांव करते हुए समूह में उड़ना विनाश का प्रतीक है।
 
शत्रु पर आक्रमण के समय कौवों का कांव-कांव करना पराजय का प्रतीक है।
 
प्रात: एक काक का देखना अशुभ माना गया है, परंतु दो के दर्शन अत्यंत शुभ कहे गए हैं।

गिद्ध- : दक्षिण अफ्रीका में गिद्ध की उपस्थिति को दुर्भाग्य का सूचक कहा जाता है। इसके प्रकट होने पर दुर्भिक्ष तथा महामारी की आशंका रहती है।
Show comments

ज़रूर पढ़ें

महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध में थीं ये 10 समानताएं

श्री महावीर जी: भगवान महावीर के अतिशय क्षेत्र की आध्यात्मिक यात्रा

सत्य, अहिंसा और ज्ञान का उत्सव: 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती, जानें महत्व और कैसे मनाएं?

हनुमान जयंती पर कौन सा पाठ करें जिससे कि हनुमानजी तुरंत हो जाएं प्रसन्न

हनुमान जन्मोत्सव 2025: अपने करीबियों को भेजें बजरंगबली की भक्ति से भरी ये 20 सबसे सुंदर शुभकामनाएं

सभी देखें

नवीनतम

मेष संक्रांति कब है क्या है इसका महत्व, क्या करते हैं इस दिन?

अक्षय तृतीया कब है, जानिए खरीदारी के शुभ मुहूर्त

बृहस्पति ग्रह के मिथुन में अतिचारी गोचर के चलते संभलकर रहें 2 राशियों के जातक

सूर्य के मेष राशि में प्रवेश से 4 राशियों को मिलेगा धन

विश्व नवकार महामंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें खास बातें