होली पूजन में पहनें ये 5 शुभ रंग, भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद

Webdunia
शनिवार, 12 मार्च 2022 (12:09 IST)
Holi 2022: 17 मार्च को होलिका दहन, 18 मार्च को धुलेंडी और 22 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। धुलेंडी और रंगपंचमी को रंगोत्सव रहता है। इस दिन रंगों का खासा महत्व रहता है। आओ जानते हैं कि कौनसे ऐसे 5 शुभ रंग है जिन रंगों के वस्त्र पहनने से भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

 
ज्योतिष के अनुसार रंग (Colors of Holi according to astrology):
 
1. हरा : हरा रंग जहां माता दुर्गा और बुध ग्रह का रंग है वहीं यह माता लक्ष्मी का रंग भी है। यह रंग सौभाग्य का रंग भी माना जाता है। प्रकृति का रंग हरा ही है। जब भी महिलाएं साड़ी पहनती है तो उसमें पीले के साथ हरा रंग भी मिला होता है। यह रंग सुख, शांति और खुशी देता है।  हरा रंग सुहाग और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि कई धार्मिक रिति-रिवाजों में हरे रंग के बिना कई शुभ कार्य अधूरे माने जाते हैं। कई स्थानों पर तो जब बेटी की गोद भराई की रस्म की जाती हैं तो विशेष तौर पर हरे रंग की साड़ी, हरे रंग की चुड़ियां ही भेंट की जाती है।
 
2. लाल : लाल रंग माता लक्ष्मी का ही रंग है। यह मंगलकारी, सौभाग्य, उत्साह, ऊर्जा, हर्ष, सेहत और प्रसन्नता के साथ ही पराक्रम का रंग भी है। लाल टीका शौर्य एवं विजय का प्रतीक है। प्राय: सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर लाल रोली का टीका लगाया जाता है। धन की देवी लक्ष्मीजी को भी मंगलकारी लाल वस्त्र पहनाए जाते हैं। लाल रंग धन, विपुल संपत्ति, समृद्धि और शुभ-लाभ को प्रकट करने वाला है। हिन्दू धर्म में विवाहित महिला लाल रंग की साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती है।
 
3. पीला : यह रंग ज्ञान और विद्या, सुख, शांति, धन, समृद्धि, बुद्धि, अध्यात्म, शिक्षा, धर्म, और देवी देवताओं का रंग है। श्रीहरि विष्णु और श्रीकृष्ण को यह रंग प्रिय है। भगवान विष्णु का वस्त्र पीला है। भगवान श्रीकृष्ण भी पीताम्बर से सुसज्जित हैं। भगवान गणेश की धोती पीली और दुपट्टा नीला या हरा रखा गया है। पीला रंग सूर्यदेव, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों का भी प्रतिनिधित्व करता है।
4. गुलाबी : गुलाबी रंग को भाग्य, प्रेम और सौभाग्य का सूचक माना जाता है। हिंदू रीती रिवाजों के अनुसार विवाह के बाद जब घर में पहली बार दुल्हन घर में प्रवेश करती है तो उसके पांव में गुलाबी रंग लगाया जाता है क्योंकि नई नवेली दुल्हन को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। माता लक्ष्मी जिस कमल पर विराजमान है और उनके हाथ में जो कमल का फूल है वह गुलाबी रंग का ही है। गुलाबी रंग से सकारात्मक वातावरण बनता है। गुलाबी रंग को सीतलता प्रदान करने वाला भी कहा गया है। यह रंग जहां भी होता हैं वहां प्रेम अपने आप बरसने लगता है। यही वजह है कि यह रंग भगवान श्री कृष्णा और राधा रानी को पसंद है। भगवान श्री राम और माता सीता को भी यह पसंद है।
 
 
5. केसरिया : यह रंग धर्म, ज्ञान, त्याग, तपस्या और वैराग्य का रंग है। भारतीय धर्म में इस रंग को साधुता, ‍पवित्रता, शुचिता, स्वच्छता और परिष्कार का द्योतक माना गया है। यह रंग शुभ संकल्प का सूचक है। यह रंग पहनने वाला अपने ‍कर्तव्य और नैतिक उन्नति के प्रति हमेशा दृढ़ संकल्प रहता है। भगवा या केसरिया सूर्योदय और सूर्यास्त का रंग भी है, मतलब हिन्दू की चिरंतन, सनातनी, पुनर्जन्म की धारणाओं को बताने वाला रंग है यह। केसरिया रंग त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है। शिवाजी की सेना का ध्वज, राम, कृष्ण और अर्जुन के रथों के ध्वज का रंग केसरिया ही था। केसरिया या भगवा रंग शौर्य, बलिदान और वीरता का प्रतीक भी है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

Indian Calendar 2025 : जानें 2025 का वार्षिक कैलेंडर

Vivah muhurat 2025: साल 2025 में कब हो सकती है शादियां? जानिए विवाह के शुभ मुहूर्त

रावण का भाई कुंभकरण क्या सच में एक इंजीनियर था?

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 22 नवंबर का दैनिक राशिफल

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

अगला लेख