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महाष्टमी कब मनाएं, धन, सुख और शांति के लिए अपनाएं 8 महा उपाय

हमें फॉलो करें महाष्टमी कब मनाएं, धन, सुख और शांति के लिए अपनाएं 8 महा उपाय
, शनिवार, 1 अक्टूबर 2022 (14:47 IST)
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर 2022 को हुई थी। नवरात्रि के नौ दिनों में अष्टमी का दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। आश्‍विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहते हैं। इस दिन अधिकतर घरों में व्रत का पारण होता है। यदि आप सुख, शांति, धन और संकट मुक्त जीवन चाहते हैं तो 8 महा उपाय जरूर करें।
 
कब है दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी | Ashtami kab hai durga ashtami: 3 अक्टूबर को दुर्गा महा अष्टमी का पर्व है। अष्टमी के दिन नारियल खाना निषेध है, क्योंकि इसके खाने से बुद्धि का नाश होता है। इसके आवला तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना निषेध है। यदि अष्टमी बुधवार की है तो हरी सब्जी का त्याग करें। इस दिन माता को नारियल का भोग जरूर लगाएं।
 
महाष्टमी के आठ महा उपाय : Ashtami ke 8 shubh upay
 
1. हवन | Ashtami Havan : कई लोगों के यहां सप्तमी, अष्टमी या नवमी के दिन व्रत का समापन होता है, तब अंतिम दिन हवन किया जाता है। अष्‍टमी के दिन हवन करना शुभ होता है।
 
2. कन्या भोज | Kanya bhojan: जब व्रत के समापन पर उद्यापन किया जाता है तब कन्या भोज कराया जाता है। अष्‍टमी पर 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद छोटी कन्याओं को छोटे-छोटे पर्स में दक्षिणा रखकर लाल रंग के किसी भी गिफ्ट के साथ भेंट करें।
 
3. संधि पूजा | Ashtami puja aarti : इस दिन माता रानी की प्रात: आरती, दोपहर आरती, संध्या आरती और संधि आरती करते हैं। संधि आरती अष्टमी तिथि के समापन और नवमी के प्रारंभ के समय करते हैं।
 
4. लाल चुनरी | Lal chunari : माता को इस दिन लाल चुनरी अर्पित करना चाहिए। आप चाहें तो आरती और पूजा के दौरान इस दिन 5 प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर माता रानी को अर्पित करें।
 
5. लाल ध्वज | Lal dhwaja : देवी मंदिर में लाल रंग की ध्वजा अर्पित करें, चाहें तो मंदिर के गुंबद पर लगा सकते हैं।
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6. देवी को लगाएं भोग | Durga mata ka bhog : अष्टमी के दिन माता के मंदिर में जाकर लाल चुनरी में मखाने, बताशे के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें। इसके साथ ही देवी को मालपुए और खीर का भोग लगाएं।
 
7. शनि मुक्ति के लिए करें पूजा | Durga puja for shani dosh mukti : अष्टमी और नवमी तिथि पर शनि का भी प्रभाव रहता है। इस दिन माता की अच्छे से आराधना करने से शनि के प्रभाव से माता रक्षा करती हैं।
 
8. सुहागिनों के दें श्रृंगार का सामान | 16 shringar : इस दिन सुहागिन स्त्री को चांदी की बिछिया, कुमकुम से भरी चांदी की डिबिया, पायल, अम्बे माता का चांदी का सिक्का और अन्य श्रृंगार की सामग्री भेंट करें।
 
 

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