कैसी हैं आपकी जुल्फें, जानिए बालों से इंसान का स्वभाव...

Webdunia
मानव शरीर पर बालों का सबसे बड़ा समूह मस्तक पर होता है। बालों में कालापन मेलानिन नामक‍ पिगमेंट के कारण होता है। बालों की मोटाई एवं स्निग्धता पोषक तत्वों और एंजाइम पर निर्भर करती है। इस प्रकार बालों की स्थिति से शरीर के तत्वों का पता चल जाता है। अब चूंकि मानव का स्वभाव, चरित्र, कार्यक्षमता आदि शरीर के तत्वों पर निर्भर करते हैं। इस तरह बालों की स्‍थिति से मानव व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जा सकता है। बालों का अध्ययन पांच बिंदुओं के अंतर्गत किया जाता है-
 
1. तना- एक बाल में एक ही तना होना चाहिए। ऐसे बाल उत्तम माने जाते हैं लेकिन यदि एक बाल में से कई शाखाएं निकली हुई हों या वे पूरे दो भागों में बंटे हुए हों तो ये जातक की शक्ति को क्षीण करते हैं। ऐसे जातकों की जीवनशक्ति दो भागों में विभाजित मानी जाती है, जो यह दर्शाती है कि ऐसे व्यक्तियों में लक्ष्य प्राप्ति हेतु उच्च एवं दृढ़ इच्छाशक्ति, विश्वास, कर्मठता नहीं है और वे अपने प्रयासों के प्रति केंद्रित नहीं हैं। प्राय: ऐसे लोग दो विचारधाराओं के मध्य डोलते रहते हैं और निर्णय नहीं ले पाते हैं।
 
2. रंग- भारतीय विद्वानों के अनुसार काले बाल मानसिक स्वस्थता, कर्मठता एवं उच्च जीवनशक्ति के परिचायक होते हैं तथा सफेद बाल मानसिक कमजोरी को दर्शाते हैं। चूंकि भारतीय वातावरण में ही अधिकांश काले व सफेद बाल होते हैं जबकि पाश्चात्य देशों में भूरे, लाल एवं सफेद बाल होते हैं। अत: पाश्चात्य विद्वानों के अनुसार भूरे बालों को मानसिक तनाव का परिचायक माना जाता है। वहां काले बालों को पाशविक प्रकृति वाला समझा जाता है। 
 
3. मोटाई- पतले बाल उत्तम स्वभाव, उदारता, प्रेम, दया, संकोच एवं संवेदनशीलता के प्रतीक होते हैं। ऐसे जातक धैर्य, शांति, सहनशीलता एवं प्रेम के माध्यम से जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। इसके विपरीत मोटे एवं कड़े बाल वाले उत्तम स्वास्थ्य एवं उच्च जीवनशक्ति वाले होते हैं। वे महत्वाकांक्षी, साहसी एवं कभी-कभी क्रूर स्वभाव के हो सकते हैं।
 
4. आकार- सीधे एवं सरल बाल आत्मसंरक्षण, सरल स्वभाव, सीधी कार्यपद्धति एवं स्पष्टवादिता के सूचक होते हैं। यदि बालों में सरलता की अपेक्षा लहरीलापन हो तो ऐसे व्यक्तियों में विनम्रता, सभ्यता, कला प्रेम के गुण होते हैं। परंतु यदि लहरीलापन अधिक हो तो ऐसे बाल घुंघराले कहलाते हैं। ऐसे बालों वाले जातकों मैं मनमौजीपन, चंचलता, दिखावा औरा अहं की प्रवृत्ति अधिक रहती है।
 
5. उगने के स्थान- बालों के अध्ययन में यह भी देखा जाता है कि मस्तक पर बाल कहां से उगना प्रारंभ हुए हैं अर्थात जिसके मस्तक पर केश या बाल अधिक पीछे से उगना शुरू होते हैं, वे स्वाभिमानी होते हैं। जिसके सिर पर बाल अधिक आगे अर्थात ललाट क्षेत्र से उगना शुरू होते हैं, वे दुर्बल मानसिक विकास वाले, स्वार्थी व संकुचित हृदय वाले होते हैं। जिसके मस्तक पर अग्र भाग में आसपास के बाल पीछे से और मध्य के बाल अपेक्षाकृत आगे से उगे हो, तब ऐसे जातक का ललाट अर्द्धचंद्राकार कहलाता है। ये लोग अध्ययन एवं चिंतन-मनन प्रिय होते हैं। इसी प्रकार जिनके आसपास बाल हों एवं मध्य में गंजापन हो ऐसे जातक अधिकारप्रिय, नेतृत्व क्षमता वाले, शासक प्रवृत्ति से युक्त होते हैं।
 
विद्वानों का मत है कि पुरुषों के मस्तक पर बाल विरल और स्‍त्रियों के मस्तक पर बाल सघन होना शुभ फलदायक रहता है। श्याम वर्ण के स्निग्ध, मृदु, आकर्षक एवं सरल बाल स्त्रियों को सौभाग्य, संपत्ति एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

ALSO READ: दाढ़ी-मूंछ से भी पहचान सकते हैं इंसान को...पढ़ें दिलचस्प जानकारी
 
-प्रितेश मिश्र, खरगोन

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dev diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली रहती है या कि देव उठनी एकादशी पर?

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 3 राशियां हो जाएं सतर्क

Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: 4 शुभ योग में मनाई जाएगी देव उठनी एकादशी, अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

November 2024 Monthly Horoscope: नवंबर में इन 4 राशि वालों की चमकेगी किस्मत, जानें मंथली होरोस्कोप

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: 08 नवंबर का दैनिक राशिफल, कैसा गुजरेगा आज आपका दिन, पढ़ें 12 राशियां

08 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

08 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

अगला लेख