Astrology : हंस राजयोग क्या है कैसे बनता है? क्या होते हैं लाभ?

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 31 जनवरी 2023 (11:48 IST)
Hamsa yoga : कुंडली में पंचमहापुरुष योग होते हैं, जिन्हें राजयोग माना गया है। शनि से बनने वाला शश योग, मंगल से बनने वाला रुचक योग, शुक्र से बनने वाला मालव्य योग, बुध से बनने वाला भद्र योग और बृस्पति से बनने वाला हंस योग। हंस योग वैदिक ज्योतिष में वर्णित एक अति शुभ तथा दुर्लभ योग है। महापुरुष योग तब सार्थक होते हैं जबकि ग्रह केंद्र में हों। आओ जानते हैं कि हंस योग क्या है, कैसे बनना है और क्या है इसका लाभ।
 
हंसे सद्भिरभ्रष्टुतः क्षितिपतिः शङ्खब्जमत्स्याङ्कुशै
श्र्चिन्हैः पाद्कराङ्कितः शुभवपुर्मृष्टान्नमुग्धार्मकः||- फल दीपिका
 
हंस योग क्या है? Hans yog kya hota hai : यह योग गुरु अर्थात बृहस्पति से संबंधित है। कर्क में 5 डिग्री तक ऊंचा, मुल त्रिकोण धनु राशि 10 डिग्री तक और स्वयं का घर धनु और मीन होता है। पहले भाव में कर्क, धनु और मीन, 7वें भाव में मकर, मिथुन और कन्या, 10वें भाव में तुला, मीन और मिथुन एवं चौथे भाव में मेष, कन्या और धनु में होना चाहिए तो हंस योग बनेगा। 
 
कैसे बनता है हंस योग? | Kaise banta hai hans yog : जब जब बृहस्पति ऊंचा या मूल त्रिकोना में, खुद के घर में या केंद्र में कहीं स्थित है तो भी विशेष परिस्थिति में यह योग बनेगा। बृहस्पति यदि किसी कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में कर्क, धनु अथवा मीन राशि में स्थित हों तो ऐसी कुंडली में हंस योग बनता है।
 
लगभग हर 12वीं कुंडली में हंस योग का निर्माण होता है। कुंडली में 12 घर तथा 12 राशियां होती हैं तथा इनमें से किसी भी एक घर में गुरु के स्थित होने की संभावना 12 में से 1 रहेगी तथा इसी प्रकार 12 राशियों में से भी किसी एक राशि में गुरु के स्थित होने की संभावना 12 में से एक ही रहेगी। इस प्रकार 12 राशियों तथा बारह घरों के संयोग से किसी कुंडली में गुरु के किसी एक विशेष राशि में ही किसी एक विशेष घर में स्थित होने का संयोग 144 में से एक कुंडलियों में बनता है जैसे कि लगभग प्रत्येक 144वीं कुंडली में गुरु पहले घर में मीन राशि में स्थित होते हैं। 
 
हंस योग के निर्माण पर ध्यान दें तो यह देख सकते हैं कि कुंडली के पहले घर में गुरु तीन राशियों कर्क, धनु तथा मीन में स्थित होने पर हंस योग बनाते हैं। इसी प्रकार गुरु के किसी कुंडली के चौथे, सातवें अथवा दसवें घर में भी हंस योग का निर्माण करने की संभावना 144 में से 3 ही रहेगी तथा इन सभी संभावनाओं का योग 12 आता है जो कुल संभावनाओं अर्थात 144 का 12वां भाग है जिसका अर्थ यह हुआ कि हंस योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार लगभग हर 12वीं कुंडली में इस योग का निर्माण होता है।
हंस योग का लाभ | Hans yog ke fayde : हंस योक का शुभ प्रभाव जातक को सुख, समृद्धि, संपत्ति, आध्यात्मिक विकास तथा कोई आध्यात्मिक शक्ति भी प्रदान कर सकता है। हंस योग के कुछ जातक किसी धार्मिक अथवा आध्यात्मिक संस्था में उच्च पद पर आसीन होते हैं, जबकि कुछ अन्य जातक व्यवसाय, उत्तराधिकार, वसीयत, सराहकार अथवा किसी अन्य माध्यम से बहुत धन संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं। वह ज्योतिष, पंडित या दार्शनिक भी हो सकता है। उच्चशिक्षित न भी हो तो भी वह ज्ञानी होता है।
 
हंस प्रभाव के जातक सामान्यतया सुख तथा ऐश्वर्य से भरपूर जीवन जीते हैं तथा साथ ही साथ ऐसे जातक समाज की भलाई तथा जन कल्याण के लिए भी निरंतर कार्यरत रहते हैं तथा इन जातको में भी प्रबल धार्मिक अथवा आध्यात्मिक अथवा दोनों ही रुचियां देखीं जातीं हैं। अपने उत्तम गुणों तथा विशेष चरित्र के चलते हंस योग के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक समाज में सम्मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।
 
हंस योग वाला जातक कैसा होता है | Hans raj yog wale jatak kaise hota hai : हंस योग का जातक सुंदर व्यक्तित्व का धनी होगा और उसका रंग साफ एवं चेहरे पर तेज होगा। उसका माथा चौड़ा और लंबी नाक होगी। छाती भी चौड़ी और अच्छी होगी। आंखें चमकदार होगी। त्वचा चमकदार स्वर्ण की तरह होगी। दूसरों के लिए अच्छी बातें करने और बोलने वाला व्यक्ति होगा एवं उसके मित्रों संख्या अधिक होगी। वह हमेशा सकारात्मक भाव और विचारों से भरा होगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

भूकंप से हो जाएगी धरती तबाह, अभी संभलना जरूरी वर्ना...

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख