आप नहीं जानते होंगे ये 4 विशेष पवित्र हवन सामग्री, जिनका देवता करते थे महायज्ञों में उपयोग...

श्री रामानुज
किसी भी पूजन-पाठ की पूर्ति करने के लिए हवन या होम किया जाना आवश्यक है, परंतु हवन के नियम अनुसार 4 ऐसे तत्व/पदार्थ हैं जिनके उपयोग से मनवांछित फल प्राप्त होता है। यदि उचित मात्रा में शास्त्रोक्त हवन सामग्री यज्ञ (हवन-होम) की अग्नि में मंत्रों के साथ अर्पित की जाए तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरी पृथ्वी पर पड़ता है।
 
ये पवित्र पदार्थ हैं- सुगंधित, पुष्टिकारक, मिष्ठान्न तथा रोगनाशक। आइए जानते हैं विस्तार से- 
 
'सुगंधित' पदार्थों में केशर, अगर, तगर, चंदन, इलायची, जायफल, जावित्री, छड़ीला, कपूर, कचरी, बालछड़, पानड़ी आदि का उपयोग करना उचित है।
 
'पुष्टिकारक' तत्व में घृत, गुग्गुल, सूखे फल, जौ, तिल, चावल, शहद व नारियल आदि-आदि का उपयोग करना उचित है।
 
'मिष्ठान्न' पदार्थ के लिए गुड़, छुहारा, दाख आदि का उपयोग करना उचित है।
 
'रोगनाशक' तत्वों के लिए गिलोय, जायफल, सोमवल्ली, ब्राह्मी, तुलसी, अगर, तगर, तिल, इन्द्र जव, आमला, मालकांगनी, हरताल, तेजपत्र, प्रियंगु, केसर, सफेद चंदन, जटामांसी आदि का उपयोग करना उचित है।

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