होलिका दहन को लेकर कंफ्यूजन है, 6 को, 7 को या 8 मार्च को? होली के बाद कब रहेगी धुलेंडी। ज्योतिष मान्यता के अनुसार कब होना चाहिए होलिका दहन और कब मनाएं धुलैंडी का पर्व? इसके बाद रंगपंचमी का त्योहार कब रहेगा।
कब जलाते हैं होली : पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है और उसके दूसरे दिन धुलेंडी का पर्व मनाया जाता है।
पूर्णिमा तिथि : पूर्णिमा तिथि 06 मार्च दिन सोमवार को शाम 04:17 पर आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च दिन मंगलवार को शाम 06:09 पर होगा।
6 मार्च : 06 मार्च को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि है लेकिन 7 को पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल नहीं रहेगा। कई जगहों पर पंचांग भेद के कारण 06 मार्च को होलिका दहन होगा, क्योंकि इसी दिन प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि रहेगी।
7 मार्च : 06 मार्च को पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ होने के साथ ही भद्रा भी शुरु हो जाएगी जो 07 मार्च सुबह 05:15 तक रहेगी। कुछ लोग भद्रा में होलिका दहन नहीं करना चाहते हैं। अन्य मतानुसार पूर्णिमा तिथि दो दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन दहन किया जाता है। यानी 07 मार्च को शाम को या रात्रि में होलिका दहन होगा।
धुलैंडी : धुलैंडी का पर्व अगले दिन मनाया जाएगा। अधिकतर मतानुसार 07 मार्च को होलिका दहन होगा और 08 मार्च को होली खेली जाएगी। यानी धुलैंडी मनाई जाएगी।