मथुरा। राधा किशोरी और नंदगांव को रंग में रंगने के बाद रंगों का धमाल श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर पहुंच गया है। यहां रास-रंग का उत्सव चल रहा है, राधा-कृष्ण के प्रेम में पगे भक्त अब रंग-गुलाल और फूल की होली खेलते हुए नाच रहे हैंं, झूम रहे हैं। रंग एकादशी से कृष्ण जन्मभूमि पर देश-विदेश से भगवान के साथ होली खेलने आयें श्रृद्धालु पर अपने आराध्य श्री कृष्ण के प्रेम का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। जिसके चलते भक्ति होली का आनंद ले रहे थे।
कृष्ण जन्मभूमि परिसर में मच सजा हुआ है, जिस पर राधा और कृष्ण के प्रतीक स्वरूप हुरियारे और हुरियारिनों ने अपने रंगों की अनूठी छाप बिखरे रखी है। होली के गीतों पर भक्तों को सराबोर करते हुए थिरकने को मजबूर कर दिया। बच्चे बुजुर्ग और युवा राधा प्यारी और कृष्ण के प्रेम में मंत्रमुग्ध होकर होली के रंगों में रंगे नजर आ रहे हैं।
इतना ही नही कृष्ण नगरी में हुरियारिन अपने मन को वश में न रख सकी, जिसके उलते उन्होंने लाठी उठाकर हुरियारों पर बरसानी शुरू कर दी, बेचारे हुरियारे ढाल से खुद को बचाते नजर आ रहे है। मथुरा के रंगोत्सव की खुमारी सबका दिल मोह.रही है। यहां गली-गली में होली की धूम मची है, पूरा वृंदावन और मथुरा कि वातावरण प्रेम रस में डूबा हुआ है।
रंग एकादशी के बाद बांके बिहारी मंदिर का परिसर भक्तों से पटा हुआ है, जैसे ही मंदिर सेवायतों ने बांके बिहारी पर रंग न्यौछावर किया और प्रसाद स्वरूप रंग भक्तों पर उड़ाया तो नजारा बदल गया। देश-विदेश से आयें भक्तों पर जैसे ही भगवान के चरणों का गुलाल-रंग और फूल पड़ रहें है उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। वैसे इस बार टेसू के फूल और केसर के रंगों से निर्मित प्राकृतिक रंगों और गुलाल का इस्तेमाल भक्त कर रहे हैं। मथुरा की गली-कूचों को देखकर ऐसा लग रहा है कि होली पंचमी 8 मार्च की नही आज ही है।