Highlights
- सूर्य का कर्क राशि में प्रवेश।
- सूर्य दक्षिणायन में क्या करें।
- कब होती है सूर्य दक्षिणायन की शुरुआत।
karka sankranti 2024: पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्य-कर्क संक्रांति सूर्यदेव की दक्षिण यात्रा के प्रारंभ को दर्शाती है, जिसे दक्षिणायन कहा जाता हैं। वर्ष 2024 में कर्क संक्रांति 16 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो चुकी हैं, जोकि मकर संक्रांति पर समाप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश को कर्क संक्रांति कहते हैं और इसे 6 महीने के उत्तरायण काल का अंत भी माना जाता है।
यहां जानते हैं कर्क संक्रांति पर क्या करें और क्या न करें :
* दक्षिणायन के 4 महीने भगवान श्रीविष्णु और शिवजी का पूजन करें।
* सूर्य दक्षिणायन में सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
* सूर्य दक्षिणायन में सूर्य उपासना करने से दोषों का शमन होता है।
* सूर्यदेव से सदा स्वस्थ रखने की कामना करें।
* आदित्य स्तोत्र तथा सूर्य मंत्रों का जाप करें।
* सूर्य-कर्क संक्रांति के समयावधि में शहद का प्रयोग लाभकारी माना गया है।
* भगवान विष्णु की पूजा तुलसी पत्र से करना फलदायी होता है।
* पितरों की शांति के लिए पिंड दान किया जाता है।
क्या ना करें :
सूर्यदेव के कर्क राशि में प्रवेश के दिन से 6 माह तक देवताओं की रात्रि आरंभ हो जाती है। अत: ये काम ना करें :
* कर्क संक्रांति पर शुभ और नए कार्य का प्रारंभ ना करें।
* इस तिथि पर तामसिक भोजन नहीं करें।
* दैवीय शक्तियां इस समय कमजोर रहती हैं, अत: शुभ कार्यों पर गलत असर होता है।
* इस समय में नकारात्मक शक्तियां प्रभावी होती हैं, अत: गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए।
* सूर्य दक्षिणायन में विवाह, मुंडन, उपनयन आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।