16 दिसंबर से खरमास, नहीं करें किसी भी तरह के मंगल कार्य, जानिए क्यों

पं. हेमन्त रिछारिया
16 दिसंबर से 'मलमास' -
 
हिन्दू परम्परा में मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभ कार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ऐसी ही एक अवधि है- 'मलमास' जिसे 'खरमास' भी कहा जाता है।
 
क्या होता है 'मलमास'-
 
जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति व मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग 1 माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि व मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही 'मलमास' या 'खरमास' कहा जाता है। 'मलमास' में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ एवं व्रत-उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं।
 
कब तक रहेगा 'मलमास'-
 
इस माह दिनांक 16 दिसंबर 2018, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की नवमी से 'मलमास' प्रारंभ होकर दिनांक 14 जनवरी 2019 पौष शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि तक रहेगा। 'मलमास' प्रभावी होने के कारण इस अवधि में समस्त शुभ कार्यों का निषेध रहेगा।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: अगर मार्गशीर्ष मास में कर लिया ये पाठ तो चारों दिशाओं से मिलेंगे शुभ फल

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

एक्सीडेंट और दुर्घटनाओं से बचा सकता है ये चमत्कारी मंत्र, हर रोज घर से निकलने से पहले करें सिर्फ 11 बार जाप

सावन सोमवार में कब करें शिवजी का रुद्राभिषेक, क्या है इसकी विधि?

सावन मास में उज्जैन में महाकाल बाबा की प्रथम सवारी कब निकलेगी?

गुरु पूर्णिमा कब है, जानिए गुरु पूजन विधि और मुहूर्त

138 दिन तक शनि की वक्री चाल, 5 राशियों को रहना होगा बचकर, जानिए उपाय

सभी देखें

नवीनतम

04 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

04 जुलाई 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

वर्षों बाद आया ऐसा शुभ संयोग, इस बार रक्षाबंधन पर नहीं रहेगा भद्रा का साया, पंचक भी नहीं बनेंगे बाधा

मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है माता की पूजा का शुभ मुहूर्त

मौना पंचमी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और 3 उपाय

अगला लेख