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पुष्य नक्षत्र का बना संयोग, माघ पूर्णिमा का बढ़ा महत्व, पढ़ें माघ पूर्णिमा पूजा विधि

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माघ पूर्णिमा इस बार 19 फरवरी 2019 मंगलवार को है। इस दिन पुष्य नक्षत्र होने से इस दिन का महत्व और अधिक हो गया है। 
 
माघ पूर्णिमा पर स्नान, दान और जप करना काफी काफी फलदायी माना गया है। माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करने से रोग दूर होते हैं। इस दिन तिल और कंबल का दान करने से नरक लोक से मुक्ति मिलती है।
 
माघ पूर्णिमा पूजा विधि 
 
माघ पूर्णिमा के दिन सूर्य उदय से पूर्व किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 
 
स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र के साथ सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। 
 
घर में भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए सबसे पहले श्री हरि की प्रतिमा पर पीले फूल की माला चढ़ाएं।
 
दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल, दूध, चावल और केसर डालकर भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी के सामने रखें। इसके बाद लक्ष्मी-नारायण जी का पूजन धूप-दीप से करें और पूरनमासी की व्रत कथा पढ़ने के बाद इसी शंख से भगवान विष्णु जी का अभिषेक करें। 
 
इसके बाद भगवान को नए परिधान पहनाकर काले तिल से हवन करें और पितरों का तर्पण करें। पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान करना चाहिए। 
 
इसके बाद गरीब व्यक्ति और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें और दान में विशेष रुप से काले तिल का दान देना चाहिए। 

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