वर्ष 2021 में विवाह के मुहूर्त जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई के मुहूर्त तो निकल गए हैं। पहला मुहूर्त 18 जनवरी को था। 18 जनवरी के बाद बृहस्पति और शुक्र ग्रह के कारण वर्ष के शुरुआती महीनों में विवाह नहीं हो पाए। फिर मकर संक्रांति के बाद 19 जनवरी से 16 फरवरी तक गुरु तारा अस्त रहा। इसके बाद 16 फरवरी से ही शुक्र तारा के अस्त होने से विवाह नहीं हो पाए। यह अवधि 17 अप्रैल तक रही।
फिर विवाह का दूसरा मुहूर्त 22 अप्रैल को था। 22 अप्रैल के बाद से देवशयनी एकादशी 15 जुलाई तक विवाह के मुहूर्त हैं। इस बीच 37 विवाह मुहूर्त आ रहे हैं। वहीं, 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 13 मुहूर्त होंगे।
अब बचे हुए मुहूर्त जानिए :
जून माह : 5, 6, 19, 24, 25, 26, 27 और 28 जून।
जुलाई माह : 1, 2, 3, 4, 6 और 17 जुलाई। इसके अलावा 21, 23, 24, 25, 26, 28, 29, 30 और 31 जुलाई।
अगस्त माह : 2, 3, 4, 11, 12, 13, 14, 19, 20, 22, 24, 25, 30 और 31 अगस्त।
सितंबर माह : 1, 7, 8, 9, 10, 11, 14 और 18 सितंबर।
अक्टूबर : 7, 8, 11, 12, 13, 14, 18, 19, 20, 21, 23, 24 और 25।
नवंबर माह : 1, 7, 8, 11, 12, 15, 16, 20, 21, 28, 29 और 30।
दिसंबर माह : 1, 2, 6, 7, 8, 9, 11, 12 और 13।
नोट : 21 जुलाई से 12 नवंबर तक की मुहूर्त तिथियां देवशयन कालिक हैं। ऐसे में, ये उत्तर भारत में मान्य नहीं होंगी। विवाह तिथि का चयन करने के पूर्व एक बार पंडित या ज्योतिष से परामर्श अवश्य लें।
क्या कहती है गाइडलाइन : कोरोना काल के चलते हर राज्य और राज्यों के शहरों में गाइडलाइन अलग-अलग है। जहां संक्रमण दर ज्यादा है वहां कम लोगों को अनुमति है और जहां संक्रमण दर कम है वहां ज्यादा लोगों को विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति है। आप अपने शहरों की गाइड लाइन जानकर ही विवाह समारोह आयोजित करें। लगभग सभी राज्यों में कम से कम 20 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति है।
1. हर प्रदेश में विवाह की गाइडलाइन अलग अलग है।
2. यूपी में ज्यादा से ज्यादा 25 लोग ही शादी समारोह में शामिल हो सकेंगे। पहले 50 लोगों की परमिशन थी।
3. बिहार में 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति रहेगी। यहां भी पहले 50 लोगों की परमिशन थी।
4. राजस्थान में मात्र 11 लोगों को शादी में शामिल होने की अनुमति है। घर पर ही करना होगी शादी।
6. उत्तराखंड में भी 20 लोगों की अनुमति है।
7. झारखंड में 50 लोग विवाह समारोह में शामिल हो सकेंगे।
8. मध्यप्रदेश में शादी समारोह में दोनों पक्षों से अधिकतम 20 लोगों की संख्या रहेगी।
9. मुंबई में जहां संक्रामण दर कम है वहां विवाह समारोह में दोनों पक्षों से अधिकतम 50 लोगों की संख्या रहेगी।
10. शादी समारोह में डीजे बजाना और बारात निकालने पर प्रतिबंध है।