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नरेंद्र मोदी के मंगल से होगा डोनाल्ड ट्रंप का नाश, श्रीकृष्ण और बाली की कुंडली में भी था ये योग

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WD Feature Desk

, शुक्रवार, 1 अगस्त 2025 (12:40 IST)
बहुत से ज्योतिषी बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के सितारे गर्दिश में है और उन्हें सितंबर 2025 या 2026 में सत्ता छोड़ना पड़ेगी। कहा जा रहा है कि राहु और केतु की दशा उनके लिए अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकती हैं। लेकिन हमारे विश्लेषण के अनुसार नरेंद्र मोदी अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और जितनी ज्यादा चुनौतियां होगी वे सभी से पार पा जाएंगे। अब सवाल यह है कि वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो नरेंद्र मोदी और भारत के खिलाफ जो मोर्चा खोला है उसमें ट्रंप जी जीत होगी या उनका दांव उल्टा पड़ जाएगा।
 
मोदी की कुंडली का विश्लेषण:- मोदी जन्म समय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म मेहसाणा जिला के वडनगर ग्राम में 17 सितंबर 1950 को दोपहर 12:09 बजे हुआ था। इंटरनेट से प्राप्त जन्म समय के अनुसार पीएम मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है और उनकी राशि भी वृश्चिक है। सूर्य राशि कन्या और पाश्चात्य राशि भी कन्या है। वृश्चिक लग्न कुंडली के लग्न में मंगल और चंद्र बैठे हैं। मंगल और चंद्र की युति को महालक्ष्मी योग कहते हैं। इसी के साथ ही लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रूचक' नामक पंच महापुरुष राजयोग बना है। चतुर्थ भाव में गुरु शनि की कुंभ राशि में विराजमान है। पंचम भाव मीन राशि में राहु बैठा है। दशम भाव सिंह राशि में शुक्र और शनि की युति है जिसकी दृष्टि चतुर्थ भाव पर है। एकादश भाव कन्या राशि में केतु, सूर्य और बुध की युति है।
 
लग्न में मंगल और वृश्चिक राशि भी मंगल की है। स्वराशि का मंगल होने के साथ ही मंगल का रूचक राजयोग बन रहा है। मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युति कारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है। वर्तमान में पीएम मोदी की कुंडली में मंगल की महादशा चल रही है जो 29 नवम्बर 2021 से प्रारंभ होकर 29 नवम्बर 2028 तक रहेगी। गुरु की अंतर्दशा होने से दुनिया के सभी नेता मोदी को अपना नेता मानेंगे और दशम भाव में शुक्र के होने से चुनौतियां तो बहुत मिलेंगी परंतु गुरु के कारण उन सबसे पार पा लेंगे। 2026 तक मोदी जी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी हो सकती है। 07/12/027 के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति में बदलाव होना प्रारंभ होगा और इसके बाद 2028 तक उनका पद पर बने रहना मुश्किल हो जाएगा।
 
मोदी की कुंडली में शत्रुहंता योग:- मंगल छठे एवं प्रथम भाव का स्वामी होकर लग्न में स्थित हैं, इसलिए मोदी के शत्रु मोदी से कभी जीत नहीं पाएं। जिन लोगों ने भी उनसे सीधा सीधा पंगा लिया उनका भविष्य खतरे में आ गया है। मोदी जी के कुंडली में शत्रुहंता योग है। यदि छठे भाव का स्वामी किसी भी तरह से नवम भाव से योग बनाए तो शत्रुहंता योग बनता है। मंगल छठे भाव का स्वामी है और चंद्रमा नवम भाव का स्वामी है। लग्न में मंगल और चंद्र की युति है। कुंडली में मंगल और चंद्र लग्न में होकर वृश्चिक राशि में बैठे हैं और छठे भाव में मेष राशि है यह दोनों ही योग कुंडली में शत्रुहंता योग बनाते हैं। मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर शनि के साथ युति कारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है।
 
त्रेता युग में अंगद के पिता और सुग्रीव के बड़े भाई किष्किंधा नरेश वानर राज बाली की कुंडली में यह योग था। इसके बाद द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण की कुंडली में शत्रुहंता योग था। मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते। मौका मिलने पर विरोधियों से बदला जरूर लेते हैं। वे अपने शत्रुओं के सामने कभी झुक नहीं सकते। उनके शत्रुहंता योग से बचा वही है जिसका खुद का मंगल स्ट्रांग हो या जो किसी अध्यात्मिक शक्ति से जुड़ा हो।
 
मोदी के शत्रु खुद-ब-खुद निपट जाएंगे:- मोदी के शत्रुओं की लिस्ट लंबी है जिनका पतन हो चुका है लेकिन ताजा नाम अब ट्रम्प का जुड़ा है। भारत के सत्तापक्ष और विपक्ष में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने मोदी से सीधे-सीधे पंगा लिया और वे मुश्‍किल में फंस गए हैं। इसी प्रकार विदेश में मोदी से पंगा लेने वाले कनाडा के जस्टिन ट्रूडो, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू, पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान सहित पाकिस्तान के अन्य नेता। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग को भी कई मौकों पर मुंह की खाना पड़ी है। इस तरह उनके शत्रुओं की लिस्ट बहुत लंबी है।
 
अस्वीकरण (Disclaimer): उपर्युक्त विश्लेषण मोदी की उपलब्ध जन्म पत्रिका के आधार पर दिया गया है। हम प्राप्त जन्म पत्रिका की प्रामाणिकता का दावा नहीं करते हैं। चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। 
 

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