कैसे करें शुभ नवरात्रि की मंगल कलश स्थापना

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
हिन्दू मान्यतानुसार चैत्र माह की प्रतिपदा और आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि व्रत किए जाते हैं। नवरात्रि का आरंभ प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना (जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है) से किया जाता है।
 

 
घटस्थापना विधि भागवत के अनुसार, नवरात्रि व्रत की शुरुआत प्रतिपदा तिथि को घट या कलश स्थापना से की जानी चाहिए। कलश को गंगा जल से भरना चाहिए और उसमें पंचरत्न और पंच पल्लव (आम के पत्ते) डालने चाहिए। पहले दिन उत्तम विधि से किया हुआ पूजन मनुष्यों की अभिलाषा पूर्ण करने वाला होता है।


 
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
 
घटस्थापना मुहूर्त इस प्रकार हैं -
 
चर- 10.55 से 12.33 तक।
 
लाभ- 12.33 से 14.11 तक।
 
अमृत- 14.11 से 15.49 तक।
 
शुभ- 17.27 से 19.05 तक।
 
ये समय इंदौर अक्षांश पर हैं। मुंबई में 14 मिनट बढ़ाकर लें। दिल्ली में 8 व अमृतसर में 10 मिनट बढ़ाकर लें। किसी भी स्थान के लिए लगभग प्रारंभ वाले समय में 15 मिनट बढ़ाकर लें। 



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