फ्रांस में 14 दिसंबर, 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक प्रॉफेसीज (prophecies) में कई तरह की भविष्यवाणी की है जिसमें से कुछ के सच होने का दावा किया जाता है तो कुछ भविष्यवाणियों के भविष्य में घटित होने का दावा किया जाता है। उनमें से खास 4 ऐसी भविष्यवाणी है जिससे दुनिया की आधी आबादी के नष्ट होने की आशंका व्यक्त की जाती है। आओ जानते हैं कि वे 4 भविष्यवाणी कौन कौन सी है।
1.तृतीय विश्व युद्ध : नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक में लिखा है- 'एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पर पहुंचेगा और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।' नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा है कि जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।- (सेंचुरीज vi-51).
2.उल्कापिंड से तबाही : एस्टेरॉयड को हिन्दी में उल्कापिंड कहते हैं। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के विश्लेषणों अनुसार जब तृतीय विश्वयुद्ध चल रहा होगा उसी दौरान आकाश से आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और हिंद महासागर में आग का एक तूफान खड़ा कर देगा। इस घटना से दुनिया के कई राष्ट्र जलमग्न हो जाएंगे। अंतरिक्ष में ऐसी दो उल्कापिंड हैं जो धरती की ओर आ रही है- 2005 वाय-यू 55 और एपोफिस। एपोफिस 37014.91 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है। (सेंचुरीज I-69)
3.महामारी से मरेगी दुनिया : दुनिया में एड्स से पहले प्लेग एक महामारी थी जिसके चलते लाखों लोग मर गए थे। बीच में काला बुखार और हैजा भी चला था। वर्तमान में इबोला, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू और अब कोरोना वायरस के कारण दुनिया में महामारी का खतरा बड़ा है। (सेंचुरीज vi-10)
4.जलवायु परिवर्तन : नास्त्रेदमस के मुताबिक मौसम में काफी बदलाव आएंगे। प्राकृतिक आपदाओं में इजाफा होगा साथ ही साथ बाढ़, तूफान, गर्मी और भूकंप ज्यादा होने लगेंगे। गर्मी कहर ढाएगी। जंगल में आग लगेगी। भूमि में पानी सूख जाएगा, लेकिन समुद्री जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। ग्लोबल वार्मिंग का असर तो पिछले साल से ही शुरू हो गया था। प्रत्येक मौसम अब आगे खसक गए हैं। गर्मी में भीषण गर्मी और ठंड में कड़ाके की ठंड और इसके साथ ही बारिश में अब चारों ओर बाढ़ के नजारे देखने को मिलते हैं।
नास्त्रेदमस के मुताबिक साउथ और नॉर्थ पोल पिघलने शुरू हो जाएंगे। नास्त्रेदमस के अलावा ग्लोबल वॉर्मिंग पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों ने भी यह बात कही है नॉर्थ पोल पहले से ज्यादा गर्म हो चुका है। हालांकि अभी तक साउथ पोल के बारे में वैज्ञानिकों ने कुछ नहीं कहा है।