12 दिसंबर, बुधवार की रात से पंचक शुरू हो चुका है, जो 17 दिसंबर, सोमवार की रात लगभग 12.57 मिनट तक रहेगा। हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य को अच्छा मुहूर्त देखकर किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं।
पंचक के 5 दिनों में कई कार्य ऐसे होते हैं, जो सपंन्न नहीं किए जा सकते, लेकिन किसी कारणवश अगर कोई कार्य पूर्ण करना बहुत ज्यादा जरूरी हो तो कुछ ऐसे भी उपाय है, जिनको अपना कर आप अपना जरूरी कार्य कर सकते हैं।
आइए जानें पंचक के दिनों में किए जाने वाले कुछ उपाय...
* पंचक में अगर ईंधन इकट्ठा करना जरूरी हो तो पंचमुखी दीपक (आटे से निर्मित, तेल से भरकर) शिवजी के मंदिर में जलाएं, उसके बाद ईंधन खरीदें।
* पंचक के दौरान अगर किसी कारणवश दक्षिण दिशा की यात्रा करना ही पड़ें तो हनुमान मंदिर में 5 फल चढ़ाकर यात्रा करें।
* अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी है तब लकड़ी का समान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर लकड़ी का फर्नीचर की खरीदारी कर सकते हैं।
* किसी रिश्तेदारी में शव दहन का समय हो या घर में अचानक किसी की मृत्यु हो गई हो तो पंचक होने के कारण शव दहन के समय 5 अलग पुतले बनाकर उन्हें अवश्य जलाएं। तत्पश्चात दाह संस्कार करें।
* अगर इन दिनों घर के मकान की छत डलवाना जरूरी हो तो ऐसे समय में मजदूरों को मिठाई खिलाएं, तत्पश्चात छत डलवाने का कार्य करें।