Shraaddha paksha 2023: पितरों को जल देते समय क्या बोलना चाहिए?

Webdunia
Pitro ko jal dene ki vidhi: 29 सितंबर 2023 शुक्रवार से 16 श्राद्ध पितृ पक्ष प्रारंभ हो गए हैं। इस दौरान पितरों की मुक्ति तर्पण और पिंडादान किया जाता है। तर्पण यानी जल देना और पिंडदान यानी भोजन देना। जैसे पशुओं का भोजन तृण और मनुष्यों का भोजन अन्न कहलाता है, वैसे ही देवता और पितरों का भोजन अन्न का सार तत्व है। सार तत्व अर्थात गंध, रस और ऊष्मा।
 
कैसे देते हैं पितरों को जल?
  1. तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं। 
  2. पितरों के लिए किए गए मुक्ति कर्म को श्राद्ध तथा तंडुल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं।
  3. तर्पण के प्रकार : तर्पण के 6 प्रकार हैं- 1. देव-तर्पण 2. ऋषि-तर्पण 3. दिव्य-मानव-तर्पण 4. दिव्य-पितृ-तर्पण 5. यम-तर्पण 6. मनुष्य-पितृ-तर्पण। सभी के के लिए तर्पण करते हैं।
 
जल देते समय क्या बोलते हैं?
पितरों को जल देते समय ध्यानपूर्वक कहना चाहिए कि वसु रूप में मेरे पिता या पितृ जल ग्रहण करके तृप्त हों।
जल देते समय अपने गोत्र का नाम लें और इसी के साथ गोत्रे अस्मत्पितामह (पितामह का नाम) वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः. इस मंत्र का उच्चारण करते हुए 3 बार जल दें।
 
तिल और कुशा का महत्व:
पितरों को जल देने की विधि: 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर क्या है खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया का जैन धर्म से क्या है कनेक्शन, जानें महत्व

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर घटी थी ये 10 पौराणिक घटनाएं

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर सोने के अलावा भी खरीद सकते हैं ये 5 चीजें

Akshaya tritiya 2024 : 23 साल बाद अक्षय तृतीया पर इस बार क्यों नहीं होंगे विवाह?

Maa laxmi : रूठी हुई मां लक्ष्मी को कैसे मनाएं?

Aaj Ka Rashifal: आज किसे मिलेंगे धनलाभ के अवसर, जानें 07 मई का राशिफल

07 मई 2024 : आपका जन्मदिन

07 मई 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

ChaturSagar Yog : चतुरसागर योग क्या होता है, जातक बन सकता है विश्व प्रसिद्ध

अगला लेख