आपका शाम 6 से रात 9 बजे के बीच हुआ है जन्म तो होगा ये भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
व्यक्ति ने किस पक्ष की किस तिथि के किस प्रहर के किस मुहूर्त और नक्षत्र में जन्म लिया इससे उसका भविष्य निर्धारित होता। सिर्फ प्रहर नहीं सभी को देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। जातक ने किस प्रहर में जन्म लिया है इस संबंध में सामान्य जानकारी।
 
 
रात का प्रथम प्रहर : रात के प्रथम प्रहर को प्रदोष काल कहते हैं। शाम को 6 बजे से रात को 9 बजे तक का समय रात का प्रथम प्रहर होता है। इस प्रहर में सतोगुण की प्रधानता रहती है। इस प्रहर में जन्म लेने वालों को आमतौर पर आंखों और हड्डियों की समस्या हो सकती है। इस प्रहर में जन्म लेने वाले बच्चों में रहस्य या आध्यात्मिकता की ओर रूझान होता है। ऐसे लोग रात में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। नए नए आइडिया दिमाग में आते रहते हैं। उन्हें हनुमानजी की पूजा करना चाहिए।
 
 
इस प्रहर में क्या करें : इस प्रहर में किसी भी प्रकार के तामसिक कार्य करना वर्जित है। क्रोध, कलह और बहस करना वर्जित है। इस प्रहर में भोजन करना और सोना वर्जित होता है। इस प्रहर में पूजा, प्रार्थना, संध्यावंदन, ध्यानआदि करने से बहुत लाभ मिलता है। इस समय में घर के पूजा के स्थान पर घी का या तिल के तेल का दीपक जलाना अच्छा रहता है।

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