जून 2015 : कैसा होगा देश-विदेश के लिए

पं. सुरेन्द्र बिल्लौरे
जून प्रारंभ में पूर्व के देशों में सुख-शांति रहेगी, दक्षिण-पश्चिम के देशों में दुर्भिक्ष का वातावरण रहेगा एवं उत्तर के देशों में युद्धादि का भय बना रहेगा।


 
मंगल के प्रभाव से देश-विदेश में नाना प्रकार की समस्याएं सुलझेंगी।
 
'सोम पुत्रो वृषे स्थित्वा एवं कुर्याच्च लक्षणम्। मेदिनीनवखण्डेषु कलहश्च महद्-भयम्।'
 
चन्द्रमा के पुत्र बुध के वृषभ राशि में भ्रमण करने से पृथ्वी पर कुप्रभाव होगा जिससे जनता पर कष्ट रहेगा।
 
शुक्र के कर्क राशि पर भ्रमण करने से सभी अनाजों में तेजी रहेगी व बादलों की चाल में परिवर्तन होगा। 15 जून को मंगल का राशि परिवर्तन कर मिथुन राशि में प्रवेश करने से तिल में तेजी आएगी व हाथी पर कष्ट आएंगे।
 
 


 


15 जून को सूर्य भी मिथुन राशि में प्रवेश करेगा जिससे पश्चिम के देशों में सुभिक्ष-सुख रहेगा, पूर्व तथा उत्तर के देशों में अशांति व कष्ट रहेगा, दक्षिण के देशों में युद्धादि का भय बना रहेगा।
 
इस माह 5 मंगलवार होने से पृथ्वी पर आतंकवाद की घटनाएं बढ़ेंगी, साथ ही प्राकृतिक प्रकोप एवं बम-विस्फोट की घटनाएं होंगी।
 
इस माह की कुंडली को बादल-चाल की नजर से देखें तो सूर्य-बुध व शुक्र की स्थिति से आंधी-तूफान-चक्रवात के साथ तेज गर्म हवाओं का प्रवाह होगा।
 
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, बिहार एवं झारखंड में लोग अत्यधिक गर्मी से व्याकुल होंगे। 


 
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