भाद्रपद हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का छठा महीना और चतुर्मास का दूसरा महीना है। इसे भादो भी कहते है जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अगस्त-सितम्बर महीने में आता है। इस माह में हरितालिका तीज, कृष्ण जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, राधा अष्टमी और अनंत चतुर्दशी का त्योहार मनाते हैं। इसके बाद 15 दिन का पितृपक्ष प्रारंभ हो जाता है। इस साल भादो का महीना 23 अगस्त से शुरू हो गया है और 20 सितंबर के दिन खत्म होगा। आओ जानते हैं भाद्रपद मास के नियम और सावधानियां।
क्या न करें :
1. भाद्रपद में लहसुन, प्याज, शहद, गुड, दही-भात, मूली, बैंगन, कच्ची चीजें, मांस और मछली सहित किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। तैलीय एवं अधिक मसालेदार चीजें खाने से बचना चाहिए।
2. शरीर की शुद्धि और पवित्रता के लिए एक वक्त का भोजन ही करना चाहिए।
3. इस माह में सभी तरह की सुख सुविधाओं का त्याग कर देना चाहिए और पलंग पर सोना भी छोड़ देना चाहिए। जमीन पर चटाई बिछाकर उस पर सोना चाहिए।
4. असत्य वचन बोलना, कड़वे वचन कहना, विश्वासघात करना, ईष्या करान, क्रोध करना यह सभी त्याग देना चाहिए।
5. किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए।
6. इस माह नारियल का तेल नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। इससे संतान सुख में कमी आती है।
7. भाद्रपद के महीने में नशीले पदार्थों तंबाकू, गुटखा, सिगरेट व शराब आदि का सेवन करने से बचें।
8. इस समय शारीरिक संबंधों से बचना चाहिए।
क्या करें :
1. इस महा में भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण, गणेशजी, माता पार्वती और शिवजी का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
2. भादों के महीने में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। आलस्य दूर करने के लिए इस महीने शीतल जल से स्नान करना चाहिए।
3. यथाशक्ति गरीबों को दान देना चाहिए।
4. श्रीकृष्ण को तुलसी दल अर्पित करना और इसे दूध में उबालकर पीना लाभदायक माना गया है।
5. इस माह में मक्खन खाने से उम्र बढ़ती है।
6. शारीरिक बल प्राप्त करने के लिए भाद्र मास में पंचगव्य अर्थात दूध, दही, घी गोमूत्र, गोबर का प्रयोग करें।