पितृ पक्ष के बाद आ रहे हैं नवरात्रि और दशहरा, जानें कब क्या है?

Webdunia
सितंबर माह धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है हैं। इसी माह में श्राद्ध पक्ष आया और अब नवरात्रि और दशहरा की बारी है। 
 
02 सितंबर, शनिवार को देशभर में ईद-उल-जुहा यानी बकरीद मनाई गई। 03 सितंबर को दक्षिण भारत में ओणम पर्व मनाया गया।
 
गणपति बप्पा की विदाई का दिन 05 सितंबर को हुई। उसी दिन अनंत चतुर्दशी, शिक्षक दिवस साथ में थे तथा देशभर में गणेश विसर्जन किया गया।
 
अपने पूर्वजों के प्रति आस्था और सम्मान प्रकट करने का अवसर देने वाला श्राद्ध पक्ष 06 सितंबर (बुधवार) से शुरू हुआ।
 
6 सितंबर से शुरू सोलह श्राद्ध इस वर्ष 15 दिन के थे। 19 और 20 सितंबर, को सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध का समापन है। लगातार दूसरे वर्ष तिथि घटने से पितृ पक्ष का एक दिन कम हो गया है। अब 16 दिन के श्राद्ध का संयोग वर्ष 2020 में बनेगा।
 
21 सितंबर (गुरुवार) से नवरात्रि का आरंभ है। मध्यभारत में इसी दिन महाराजा अग्रसेन जंयती भी मनेगी। नवरात्रि के नौ दिन भक्त मां के विभिन्न रूपों की आराधना करते हैं।
 
 28 सितंबर (गुरुवार) को अष्टमी पूजन होगा। अगले दिन यानी 29 सितंबर (शुक्रवार) को नवमी का पूजन किया जाएगा। 30 सितंबर (शनिवार) को पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व दशहरा मनाया जाएगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

18 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

18 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

अगला लेख