Solar Eclipse 2021 Shani Amavasya : साल के आखिरी सूर्य ग्रहण पर शनि अमावस्या रहेगी। शनिवार को मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि को सूर्य ग्रहण लगेगा। शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव, शनि देव के पिता है। पिता और पुत्र में जमती नहीं है। आओ जानते हैं शनि अमावस्या के 10 सरल उपाय।
1. तर्पण : शास्त्रों के अनुसार अमावस्या की तिथि को पितर देवताओं की तिथि मानी जाती है। इस तिथि पर सुबह-सुबह गंगा स्नान कर पितरों को तर्पण दिया जाता है। इससे पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है और परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है।
2. दान : अमावस्या पर गरीबों को दान दिया जाता है। पंचांग में अमावस्या की तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से विशेष पुण्य लाभ मिलता है। असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को काला छाता, चमडे के जूते चप्पल पहनाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
3. व्रत : शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। मान्यता अनुसार इस दिन व्रत रखने से शनि के दोष दूर हो जाते हैं। मान्यता अनुसार शनि दोष, साढ़ेसाती या ढैय्या से पीड़ित जातक यदि इस दिन व्रत रखकर शनि देव की पूजा करते हो तो शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
4. नौकरी : मान्यता अनुसार इस दिन लोग नौकरी संबंधी परेशानी से मुक्ति पाने के लिए उपाय करते हैं।
5. पीपल पूजा : मान्यता अनुसार शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शनिदोष खत्म होता है।
6. शमी पूजा : मान्यता अनुसार शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए शमी के वृक्ष की पूजा का भी प्रचलन है। शनिवार के दिन शाम को शमी के पेड़ के पास दीपक जलाने से लाभ मिलता।
7. छाया दान : इस दिन स्टील या लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें अपना चेहरा देखें और उसे शाम को शनि मंदिर में कटोरी सहित दान कर दें। शनिवार को तेल मालिश कर नहाना चाहिए।
8. गरीबों की सेवा : शनि को दरिद्रों के नारायण भी कहते हैं इसलिए दरिद्रों की सेवा से भी शनि प्रसन्न होते हैं। शनि देव को वृद्धावस्था का स्वामी कहा गया है, जिस घर में माता पिता व वृद्धजनों का सम्मान होता है उस घर से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं तथा जिस घर में वृद्ध का अपमान होता है उस घर से खुशहाली दूर भागती है।
9. हनुमान पूजा : शनि से उत्पन्न भीषण समस्या के लिए भगवान भोलेनाथ व हनुमान जी की पूजा एक साथ करनी चाहिए।
10. शनि जाप : शनि मंदिर में बैठकर 'ॐ शं शनिश्चराय नम:' का जाप करना चाहिए या शनि चालीसा का पाठ करें।