Solar Eclipse 2021: 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लग रहेगा जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण या उपछाया ग्रहण कहा जा रहा है। वर्ष में 2 बार चंद्र और 2 बार सूर्य ग्रहण होता है। आओ जानते हैं कि धरती पर सबसे ज्यादा प्रभाव किसका रहता है।
1. सूर्य ग्रहण के दौरान धरती और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। चंद्रमा के बीच में आने से चंद्रमा की छाया धरती पर पड़ती है।
2. चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा और सूर्य के बीच धरती आ जाती है। उस दौरान धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
छाया का प्रभाव : उपरोक्त विवरण से यह ज्ञात होता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान धरती पर चंद्रमा की छाया पड़ती है अत: सूर्य ग्रहण का धरती पर ज्यादा प्रभाव गिरता है। कहते हैं कि चंद्र ग्रहण का प्रभाव चंद्रमा पर ज्यादा और सूर्य ग्रहण का प्रभाव धरती पर ज्यादा रहता है। हालांकि दोनों ही ग्रहण का धरती पर प्रभाव पड़ता है।
1. कैसे होता है सूर्य ग्रहण : सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य आंशिक अथवा पूर्ण रूप से चंद्रमा द्वारा आवृत्त हो जाए। वैज्ञानिकों के अनुसार धरती सूरज की परिक्रमा करती है और चंद्रमा धरती की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती के बीच चंद्रमा आ जाता है तो वह सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
2. कैसे होता है चंद्रग्रहण : जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इसे ही चंद्रग्रहण कहते हैं। इस दौरान धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। धरती की छाया जब चंद्रमा के संपूर्ण हिस्से को ढंक ले, तो खग्रास ग्रहण होता है।