सूर्य उपासना से मिलती है कई रोगों से मुक्ति

Webdunia
-डॉ. कुमुद दुबे

भारत के सनातन धर्म में पांच देवों की आराधना का महत्व है। आदित्य (सूर्य), गणनाथ (गणेशजी), देवी (दुर्गा), रुद्र (शिव) और केशव (विष्णु)। इन पांचों देवों की पूजा सब कार्य में की जाती है। इनमें सूर्य ही ऐसे देव हैं जिनका दर्शन प्रत्यक्ष होता रहा है। सूर्य के बिना हमारा जीवन नहीं चल सकता। सूर्य की किरणों से शारीरिक व मानसिक रोगों से निवारण मिलता है। शास्त्रों में सूर्य की उपासना का उल्लेख मिलता है।

ALSO READ: अत्यंत प्रभावशाली और शुभ है यह सूर्य कवच
 
सूर्य की उपासना की प्रमुख बात यह है कि व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए। तत्पश्चात स्नान आदि से निवृत्त होकर शुद्ध, स्वच्‍छ वस्त्र धारण कर ही सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्य के सम्मुख खड़े होकर अर्घ्य देने से जल की धारा के अंतराल से सूर्य की किरणों का जो प्रभाव शरीर पर पड़ता है उससे शरीर में विद्यमान रोग के की‍टाणु नष्ट हो जाते हैं तथा ‍व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा का संचार होने से सूर्य के तेज की ‍रश्मियों से शक्ति आती है।
 
अर्घ्य दो प्रकार से दिया जाता है। संभव हो तो जलाशय अथवा नदी के जल में खड़े होकर अंजली अथवा तांबे के पात्र में जल भरकर अपने मस्तिष्क से ऊपर ले जाकर स्वयं के सामने की ओर उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। दूसरी विधि में अर्घ्य कहीं से दिया जा सकता है। नदी या जलाशय हो, यह आवश्यक नहीं है।

ALSO READ: क्या आप जानते हैं नमस्कार और सूर्य नमस्कार का महत्व

इसमें एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें चंदन, चावल तथा फूल (यदि लाल हो तो उत्तम है अन्यथा कोई भी रंग का फूल) लेकर प्रथम विधि में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार अर्घ्य चढ़ाना चाहिए। चढ़ाया गया जल पैरों के नीचे न आए, इसके लिए तांबे अथवा कांसे की थाली रख लें। थाली में जो जल एकत्र हो, उसे माथे पर, हृदय पर एवं दोनों बाहों पर लगाएं। विशेष कष्ट होने पर सूर्य के सम्मुख बैठकर 'आदित्य हृदय स्तोत्र' या 'सूर्याष्टक' का पाठ करें। सूर्य के सम्मुख बैठना संभव न हो तो घर के अंदर ही पूर्व दिशा में मुख कर यह पाठ कर लें। 
 
निरोग व्यक्ति भी सूर्य उपासना द्वारा रोगों के आक्रमण से बच सकता है।

ALSO READ: सूर्यदेव को प्रसन्न करने के यह है 5 पौराणिक नियम

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Mahalaxmi Vrat 2025: 16 दिवसीय महालक्ष्मी व्रत में क्या करते हैं?

Ananta Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी कब है 2025, जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Chandra grahan sutak kaal 2025: 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण सूतक काल

क्या 9 सितंबर 2025 को यात्रा करना पड़ सकता है भारी, दुर्घटना के हैं प्रबल योग

Pitru Paksha 2025 upay: पुरखों का चाहिए आशीर्वाद तो पितृ पक्ष से पहले कर लें ये जरूरी काम

सभी देखें

नवीनतम

04 September Birthday: आपको 04 सितंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 4 सितंबर, 2025: गुरुवार का पंचांग और शुभ समय

Onam festival: ओणम के दिन क्या करते हैं, कैसे मनाते हैं यह त्योहार, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

Lunar eclipse 2025: चंद्र ग्रहण: वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण और उपाय

Lunar Eclipse 2025: क्या इस बार का चंद्रग्रहण भी लेकर आने वाला है डर और तबाही की नई लहर?

अगला लेख