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वैशाख मास का महत्व और इस माह के अचूक 5 उपाय

WD Feature Desk
बुधवार, 16 अप्रैल 2025 (16:40 IST)
2025 Vaishakh Month : वैशाख मास हिन्दू कैलेंडर का दूसरा महीना होता है और यह विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह महीना आमतौर पर अप्रैल और मई के बीच आता है और भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है।ALSO READ: दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर कौनसा है?

आइए जानते हैं वैशाख महीने का महत्व और 5 खास उपाय....
 
वैशाख मास का महत्व इस प्रकार है: धार्मिक महत्व के अनुसार वैशाख मास को विशेष रूप से पुण्य और उपवास का महीना माना जाता है। इस माह में स्नान, दान, व्रत, और पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। इसे 'पुण्य मास' भी कहा जाता है। इस माह में गंगा स्नान करने का महत्व बहुत अधिक है। इसे पुण्यदायक माना जाता है। विशेष रूप से वैशाख शुक्ल पक्ष में गंगा स्नान और गंगाजल का विशेष महत्व है। वैशाख माह में नंदनी व्रत और कर्ज व्रत जैसे आयोजन होते हैं, जो कृषि कार्यों और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं।
 
धार्मिक मान्यतानुसार इस माह में अच्छे कार्यों, जैसे सत्य बोलना, दान देना, व्रत रखना और तपस्या करना, अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इस माह में किए गए अच्छे कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।ALSO READ: बड़ी खबर: जगन्नाथ मंदिर के ध्वज को ले उड़ा गरुड़, अनहोनी की आशंका
 
वैशाख माह के अचूक 5 उपाय:
1. स्नान का महत्व: इस माह में विशेष रूप से सुबह के समय गंगाजल या अन्य पवित्र जल से स्नान करना शुभ माना जाता है। इससे न केवल शारीरिक शुद्धता प्राप्त होती है, बल्कि मानसिक शुद्धता भी आती है।
 
2. तुलसी के पत्ते का उपयोग: वैशाख मास में विशेष रूप से तुलसी के पत्तों की पूजा करना और उनका सेवन करना बहुत लाभकारी होता है। यह उपाय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और साथ ही मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
 
3. व्रत और उपवास: वैशाख माह में विशेष रूप से पूर्णिमा और अमावस्या के दिन उपवास रखना शुभ माना जाता है। व्रत और उपवास से आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस दौरान विशेष रूप से भगवान विष्णु या शिव की पूजा की जाती है।
 
4. दान-धर्म करना: वैशाख मास में दान का अत्यधिक महत्व है। इस माह में विशेष रूप से जल, अन्न, वस्त्र और गौ दान करना पुण्य प्रदान करता है। यह उपाय न केवल अच्छे कर्मों का भागी बनाता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी लाता है।
 
5. वैशाख में जलदान: वैखाश के माह में किसी भी नदी, तालाब, या कुंए में पानी का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। यदि गंगा या यमुना नदी के तट पर जलदान किया जाए तो उसका फल अत्यधिक पुण्यकारी होता है। यह उपाय न केवल पुण्य प्राप्ति के लिए बल्कि आत्मिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
 
वैशाख मास में उपरोक्त उपायों को आजमाकर आप अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का वास कर सकते हैं और साथ ही यह आत्मिक उन्नति की दिशा में भी सहायक होते हैं।ALSO READ: कितना प्राचीन है देवास की टेकरी का तुलजा चामुंडा माता का मंदिर?

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