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विनायक चतुर्थी आज, कैसे करें पूजा? क्या बोलें मंत्र

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विनायक चतुर्थी व्रत भगवान श्री गणेश को समर्पित है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार प्रतिमाह आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश का व्रत किया जाता है। वर्ष 2022 में विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi) व्रत आश्‍विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का व्रत आज यानी गुरुवार, 29 सितंबर को मनाई जा रही है। 
 
मान्यतानुसार इस दिन व्रत रखने के श्री गणेश प्रसन्न होकर वरदान देते हैं। यहां पढ़ें पूजा विधि और खास मंत्र-Vinayak Chaturthi 2022 
 
पूजन विधि-Puja Vidhi
 
- चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करके लाल वस्त्र धारण करें।
- पूजन के समय अपने सामर्थ्यनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित शिव-गणेश प्रतिमा स्थापित करें। 
- संकल्प के बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश का पूरे मनोभाव से पूजन करें।
- फिर अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र चावल आदि चढ़ाएं। 
- 'ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। 
- अब श्री गणेश को मोदक का भोग लगाएं। 
- इस दिन मध्याह्न में गणपति पूजा में 21 मोदक अर्पण करते हुए, प्रार्थना के लिए निम्न श्लोक पढ़ें- 
'विघ्नानि नाशमायान्तु सर्वाणि सुरनायक। कार्यं मे सिद्धिमायातु पूजिते त्वयि धातरि।'
- पूजन के समय आरती करें। 
- गणेश चतुर्थी कथा का पाठ करें। 
- अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत,गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश चालीसा, गणेश पुराण, श्री गणेश स्तोत्र आदि का पाठ करें। 
- अपनी शक्तिनुसार उपवास करें।
 
मंत्र-Ganesh Mantra 
 
1. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
2. 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।'
3. 'ॐ वक्रतुंडा हुं।' 
4. 'ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।'
5. 'श्री गणेशाय नम:'।
6. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।। 
7. 'ॐ गं गणपतये नम:।'

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