गोचर क्या होता है ... जानिए, ग्रहों के गोचर अनुसार फल

पं. हेमन्त रिछारिया
गोचर शब्द 'गम्' धातु से बना है, जिसका अर्थ है 'चलने वाला'। 'चर' शब्द का अर्थ है 'गतिमय होना'। इस प्रकार गोचर का अर्थ हुआ-'निरंतर चलने वाला'। ब्रह्माण्ड में स्थित सभी ग्रह अपनी-अपनी धुरी पर अपनी गति से निरंतर भ्रमण करते रहते हैं। इस भ्रमण के दौरान वे एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों के इस प्रकार राशि परिवर्तन करने के उपरान्त दूसरी राशि में उनकी स्थिति को ही 'गोचर' कहा जाता है। प्रत्येक ग्रह का जातक की जन्मराशि से विभिन्न भावों में 'गोचर' भावानुसार शुभ-अशुभ फल देता है।
 
भ्रमण काल-
 
सूर्य,शुक्र,बुध का भ्रमण काल 1 माह, चंद्र का सवा दो दिन, मंगल का 57 दिन, गुरु का 1 वर्ष,राहु-केतु का डेढ़ वर्ष व शनि का भ्रमण काल ढाई वर्ष होता है अर्थात् ये ग्रह इतने समय तक एक ही राशि में रहते हैं तत्पश्चात् ये अपनी राशि बदल लेते हैं। 
 
विभिन्न ग्रहों का गोचर अनुसार फल-
 
सूर्य- सूर्य जन्मकालीन राशि से 3,6,10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में सूर्य का फल अशुभ देता है।
 
चंद्र- चंद्र जन्मकालीन राशि से 1, 3, 6, 7, 10 व 11 भाव में शुभ तथा 4,8, 12 वें भाव में अशुभ फल देता है।
 
मंगल- मंगल जन्मकालीन राशि से 3 ,6,11 भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
बुध- बुध जन्मकालीन राशि से 2,4,6,8,10 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
गुरु-गुरु जन्मकालीन राशि से 2,5,7,9 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
शुक्र-शुक्र जन्मकालीन राशि से 1,2,3, 4,5, 8,9,11 और 12 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
शनि-शनि जन्मकालीन राशि से 3,6,11 भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
राहु-राहु जन्मकालीन राशि से 3 ,6,11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
केतु-केतु जन्मकालीन राशि से 1,2,3,4,5,7,9 और 11 वें भाव में शुभ फल देता है। शेष भावों में अशुभ फल देता है।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

गुरु पूर्णिमा 2025: सोच समझकर लें गुरु दीक्षा, जानिए सच्चे गुरु की पहचान

गुरु पूर्णिमा: प्राचीन भारत के 14 महान गुरु जिन्होंने दिया धर्म और देश को बहुत कुछ

सावन के प्रथम सोमवार को करें लाल किताब के ये 5 अचूक उपाय, सारे क्लेश मिट जाएंगे

गुरु पूर्णिमा पर क्यों करते हैं व्यास पूजा, जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 से ज्यादा खतरनाक रहेगा 2026, अभी से पैसा बचाना कर दें प्रारंभ, बुरे वक्त में आएगा काम, क्या होगा जानें

सभी देखें

नवीनतम

सावन मास से इन 3 राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, बनने जा रहा है दुर्लभ संयोग

आषाढ़ व्रत पूर्णिमा का क्या है महत्व, इन 5 उपायों से दूर होगी धन की समस्या

Aaj Ka Rashifal: कैसा बीतेगा आज का दिन, पढ़ें 12 राशियों के लिए 10 जुलाई का दैनिक राशिफल

10 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

10 जुलाई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख