क्या Nuclear की मौत मरेगा पाकिस्तान, जानिए भविष्यवाणी का सच

WD Feature Desk
बुधवार, 14 मई 2025 (18:01 IST)
अफगानिस्तान और पाकिस्तान की भूमि सैकड़ों वर्षों से युद्ध की भूमि रही है। महाभारत काल से लेकर अभी तक इस क्षेत्र के लोगों ने कई तरह के उतार चढ़ाव देखे हैं। पहले ये सभी हिंदू थे लेकिन मध्यकाल में मजबूरी में इन्हें मुसलमान बनना पड़ा और अब मुसलमान बनकर ये खुद के लिए और दुनिया के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। जहां आपस में जंग जारी है और आने वाले समय में अभी बहुत कुछ होने वाला है ऐसा भविष्यवक्ता कहते हैं या वायरल भविष्‍वाणियां कहती हैं जिसका हम दावा या पुष्टि नहीं करते हैं। 

22 अप्रैल से 11 मई के बीच की कहानी:
पहले भारत के हमले के ताबड़तोड़ हमले के बाद ताबड़तोड़ सीजफायर की कहानी समझे। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के अहम सैन्य ठिकानों और नागरिकों पर ड्रोन एवं मिसाइल से हमले शुरू कर दिए जिसे भारत ने एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया।ALSO READ: भविष्य मालिका की भविष्यवाणी होगी सच, पाकिस्तान के होंगे 4 टुकड़े?
 
इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर कराची से इस्लामाबाद और रावलपिंडी तक 28 ठिकानों पर हमले किए जिसमें उसकी महत्वपूर्ण एयर बैस और 2 एयर डिफेंस सिस्टम तबाह हो गई। इस हमले के बाद पाकिस्तान घुटनों पर आकर गुहार लगाने लगा कि भारत से बचाओ। 9 मई को जेडी वेंस ने कहा कि हमें इससे कोई लेना देना नहीं लेकिन 24 घंटे के बाद ही अमेरिका बदल जाता है और उसे परमाणु युद्ध का खतरा नजर आने लगता है। पाकिस्तान ने अमेरिका से गुहार लगाई और तब अमेरिका ने कहा कि आप तुरंत भारत से बात करो।
 
इसके बाद पाकिस्तान ने 10 मई को DGMO ने 3:35 पर भारत के DGMO  से बात करके सीजफायर की बात कही और तुरंत ही भारत ने 4 बजे एनाउंस कर दिया कि 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसके बाद 4:45 पर अमरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट कर दिया। इस टाइमलाइन से बता चलता है कि कुछ तो बड़ा हुआ है जो ताबड़तोड़ शाम 5 बजे से सीजफायर लागू करने का एलान कर दिया गया।

न्यूक्लियर रेडिएशन पाकिस्तान
इसके बाद 11 मई को पाकिस्तान की सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियो वायरल होने लगे और ट्वीट होने लगे कि भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने किराना के पास जो ब्रह्मोस दागी थी उससे परमाणु लीकेज हो गया है और 100 किलोमीटर के एरिये को खाली कराया जा रहा है। इसके बाद यह भी खबर आई की मिस्र से एक वायुयान बोरॉन लेकर पाकिस्तान में उतरा है और यह भी कहा जा रहा है एक्सपर्ट टॉम कूपर की इसकी आशंका जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये दावे किए जा रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान के एक परमाणु स्थल पर बमबारी की है जिससे परमाणु सुविधा केन्द्र को नुकसान पहुंचा है। दावा किया जा रहा है कि भारत की बमबारी के बाद अमेरिका के एक परमाणु सुरक्षा सहायता विमान B350 AMS को तैनात किया गया है। हालांकि भारत के सैन्य अधिकारियों ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफतौर पर ऐसे दावों को खारिज कर दिया है, लेकिन फिर भी ऐसे दावों में कमी नहीं आई है।ALSO READ: क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान
 
Pakistan Nuclear Radiation News Today दावा है कि भारत के सैन्य हमलों के बाद पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से रेडिएशन लीक हो गया है, जिसे वहां की जनता भयावह स्थिति का सामना कर रहे हैं। कुछ लोग तो ये भी दावा कर रहे हैं कि लोग वहां रेडिएशन की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। विदेशी विमान पाकिस्तान में इस आपदा को नियंत्रित करने के लिए उतर रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि अमेरिका के रेडिएशन डिटेक्शन प्लेन पिछले 2 दिनों से पाकिस्तान के आसमान में चक्कर काट रहे हैं। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान इस सच को छुपाने का पूरा प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तान के बारे में भविष्यवाणी:
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन फैलने की भविष्यवाणी वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि 70 साल पहले यानी 1955 में 17 संतों ने हिमालय की गुफा में तप करने के बाद एक गुप्त किताब लिखी थी। उन 17 संतों में से एक संत बाबा विश्वनाथ ने कहा था कि पश्चिम की धरती पर एक बड़ा धमाका होगा और उसका जहर हवा में फैलकर लाखों लोगों को बीमार कर देगा। युद्ध शुरू होगा लेकिन वह अचानक रुक जाएगा क्योंकि प्रकृति का कहर इंसानों से बड़ा होता है। इन 17 संतों ने वर्ष 2025 और 2026 के लिए कई ऐसी बातें लिखी थीं जो डराने और हैरान करने वाली है। कहते हैं कि इस किताब को लिखने के पहले संतों ने बिना खाए पिए 7 दिनों तक ध्यान क्या था। इसके बाद उन्हें भविष्य के दर्शन हुए थे। कहते हैं कि उस किताब का नाम काल चक्र रहस्य है। इस किताब में लिखा है कि एक छोटा सा हमला बड़ा सच सामना सामने लाएगा। आशंका जताई जा रही है कि इसका असर भारत के राजस्थान और पंजाब के कुछ इलाके भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। वायरल भविष्यवाणी में दावा किया जा रहा है कि 2026 तक पाकिस्तान का एक बहुत बड़ा हिस्सा रहने लायक नहीं रहेगा। लोग वहां से पलायन करेंगे और एक भयानक जंग प्रारंभ होगी जो हथियारों से नहीं बल्कि प्राकृतिक के गुस्से से लड़ी जाएगी। जब जहर फैलेगा तो एक नई महामारी का जन्म हो सकता है। जब जहर फैलेगा तो पूर्व का एक देश एक ताकत बनकर उभरेगा। पूर्व के देश में भारत और चीन दोनों आते हैं।
 
महाभारत काल में पाकिस्तान की भूमि पर गिरा था परमाणु बम?
महाभारत काल में कंबोज, गांधार, कैकेय, कुरु, पांचाल, तृत्सु, सीबीर, बाल्हिक, यदु और मद्र जनपद अस्तित्व में थे। उन्हीं के कुछ हिस्सों को मिलाकर आज का पाकिस्तान है। दरअसल, उस काल में अधिकतर लोग सिंधु और सरस्वती के किनारे ही रहते थे। आज जिस हिस्से को पाकिस्तान और अफगानिस्तान कहा जाता है, महाभारतकाल में उसके उत्तरी हिस्से को गांधार, मद्र, कैकय और कंबोज की स्थली कहा जाता था। अयोध्या और मथुरा से लेकर कंबोज (अफगानिस्तान का उत्तर इलाका) तक आर्यावर्त के बीच वाले खंड में कुरुक्षेत्र होता था, जहां यह युद्ध हुआ। उस काल में कुरुक्षेत्र बहुत बड़ा क्षेत्र होता था। आजकल यह हरियाणा का एक छोटा-सा क्षेत्र है।
 
जब पुरातत्व शास्त्रियों ने पिछली शताब्दी में मोहनजोदड़ो स्थल की खुदाई के अवशेषों का निरीक्षण किया था तो उन्होंने देखा कि वहां की गलियों में नर कंकाल पड़े थे। कई अस्थिपंजर चित अवस्था में लेटे थे और कई अस्थिपंजरों ने एक-दूसरे के हाथ इस तरह पकड़ रखे थे, मानो किसी विपत्ति ने उन्हें अचानक उस अवस्था में पहुंचा दिया था। उन नरकंकालों पर उसी प्रकार की रेडियो एक्टिविटी के चिह्न थे, जैसे कि जापानी नगर हिरोशिमा और नागासाकी के कंकालों पर एटम बम विस्फोट के पश्चात देखे गए थे। मोहनजोदड़ो स्थल के अवशेषों पर नाइट्रिफिकेशन के जो चिह्न पाए गए थे, उसका कोई स्पष्ट कारण नहीं था, क्योंकि ऐसी अवस्था केवल अणु बम के विस्फोट के पश्चात ही हो सकती है।
 
उल्लेखनीय है कि उसी काल में महाभारत का युद्ध हुआ था। उस दौरान गुरु द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा ने भगवान कृष्ण के मना करने के बावजूद ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र छोड़ा, प्रत्युत्तर में अर्जुन ने भी छोड़ा। अश्वत्थामा ने पांडवों के नाश के लिए छोड़ा था और अर्जुन ने उसके ब्रह्मास्त्र को नष्ट करने के लिए। दोनों द्वारा छोड़े गए इस ब्रह्मास्त्र के कारण लाखों लोगों की जान चली गई थी। महाभारत में इस ब्रह्मास्त्र के प्रभाव का वर्णन मिलता है।

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