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Solstice 2025: 21 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन, जनिए 5 दिलचस्प बातें

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हमें फॉलो करें Winter Solstice 2025

WD Feature Desk

, शनिवार, 20 दिसंबर 2025 (12:51 IST)
Winter Solstice Day : साल का सबसे छोटा दिन विंटर सोलस्टाइस के दिन होता है, जो दिसंबर महीने में आता है। 2025 में यह दिन 21 दिसंबर को होगा। विंटर सोलस्टाइस वह दिन है जब सूर्य अपनी सबसे कम ऊंचाई पर होता है और उत्तरी गोलार्ध में दिन की सबसे कम और रात की सबसे लंबी अवधि होती है। यह दिन शीतकालीन संक्रांति के रूप में मनाया जाता है, और इसके बाद से धीरे-धीरे दिन लंबे होने लगते हैं।ALSO READ: Numerology Horoscope: अंक राशिफल दिसंबर 2025: जानें आपके मूलांक की भविष्यवाणी! (22 से 28 दिसंबर)

इस दिन से संबंधित यहां कुछ दिलचस्प बातें दी गई हैं:
 
1. दिन और रात का सबसे बड़ा फर्क: आपको बता दें कि 21 दिसंबर को, उत्तरी गोलार्ध में दिन का समय साल के सबसे छोटे होते हुए रात का समय सबसे लंबा होता है। इसका मतलब है कि सूरज सबसे कम समय के लिए आसमान में रहता है, और रात का समय सबसे लंबा होता है।
 
2. खगोलशास्त्र में खास महत्व: वर्ल्ड सोल्स्टिस के दौरान, खगोलशास्त्रियों के लिए यह दिन महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन पृथ्वी की धुरी सबसे अधिक झुकी होती है सूरज से, जिससे यह खगोलशास्त्र में एक प्रकार से 'स्ट्रेटेजिक प्वाइंट' बन जाता है। यह दिन वैज्ञानिक रूप से भी दिलचस्प होता है और बहुत सी खगोल घटनाओं का आधार बनता है। यह दिन न सिर्फ खगोलशास्त्र के लिहाज से खास होता है, बल्कि संस्कृति और परंपरा में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है!
 
3. पारंपरिक उत्सव और पर्व. इस दिन को दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे कि यूरोप में 'यूल' (Yule) पर्व मनाया जाता है, जो पुराने समय से सूरज के लौटने का जश्न है। चीन में इसे 'डोंगजी' (Dongzhi) उत्सव कहा जाता है, जो लंबी रातों के बाद नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।
 
4. सर्दी का आगमन: चूंकि यह साल का सबसे छोटा दिन होता है, और सूरज सबसे कम गर्मी देता है, इसलिए यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सर्दी के मौसम का आधिकारिक आरंभ माना जाता है। इसके बाद से तापमान गिरता है और सर्दी बढ़ती है।ALSO READ: सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, 3 राशियों के लिए शुभ और 4 के लिए अशुभ
 
5. सूरज का उत्तरायण दिशा में झुकना: 21 दिसंबर को सूरज दक्षिणी गोलार्ध की तरफ सबसे अधिक झुका होता है, और इसके बाद सूरज की दिशा बदलनी शुरू होती है। यह घटना सूर्य के उत्तरायण होने का संकेत देती है, जब दिन धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ: Surya Gochar: सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, जानिए 12 राशियों का राशिफल, क्या होगा भविष्यफल

photo courtesy:  WD/AI

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