आर यू लकी गाय?

मैनेरिज्म से जानिए फ्यूचर

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- भारती पंडि त

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भाग्यशाली होना वैसे तो कुण्डली के ग्रहों की स्थिति से ही बताया जाता है। इसके लिए हाथ की रेखाओं का सहारा लिया जाता है। यदि इतनी जानकारी किसी को न हो तो वह अपने शारीरिक लक्षणों के सहायता से भी पता लगा सकता है कि भाग्य उसका कितना साथ दे रहा है :

आप भाग्यशाली ही पैदा हुए हैं यदि आपके शरीर में नीचे लिखे लक्षण हैं:

* आपका माथा चौड़ा है और इस पर तीन सीधी रेखाएँ मौजूद हैं। माथे पर बाल आगे गोलाई लिए आ रहे हों।
* आपकी आँखे बड़ी व सामान्य गहराई की है और उनमें तेज (चमक) है।
* आपकी नाक पतली व सीधी है व आगे से ढलकी हुई नहीं है, सामान्य है।

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* आपके कान कुछ बड़े और आगे की तरफ निकले हुए है।
* आपके होंठ स्वाभाविक कोमल, पतले और गुलाबी रंगत लिए हैं।
* आपके दाँत एक जैसे है, उनमें रिक्त स्थान नहीं है या कम हैं।

* आपकी जीभ का रंग गुलाबी है और वह आगे से पतली है।
* आपकी भौंवे सर के बालों से एक रंग हल्की है, उन पर बाल कम नहीं है और वे बीच में जुड़ जाती है।
* आपके हाथ घुटनों तक या उनके नीचे जाते हो।

* आपके हाथों में हथेली और अँगु‍लियों की लंबाई का अनुपात बराबर हो।
* चलते समय पैर सीधे पड़ते हों।
* पैर के तलवे जमीन को स्पर्श न करें वरन बीच में से थोड़े उठे रहे।

यदि ये लक्षण आपके शरीर में हो तो आप भाग्य लेकर ही पैदा हुए है। बस जरूरत है सही रास्ता चुनकर उसे कैश करने की। जिनके शरीर में ये लक्षण नहीं है, सफलता व भाग्य का साथ उन्हें भी मिलता है मगर मेहनत अधिक करनी पड़ती है और लंबे समय तक लगे रहना पड़ता है।

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