करवा चौथ : शिव परिवार के पूजन का दिन

अखंड सौभाग्य की कामना का पर्व

Webdunia
- पं. धर्मेन्द्र शास्त्री
ND

भारतीय समाज में स्त्रियां अपने पति के कल्याण व उनके दीर्घायु होने की सदैव कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत भी अपने सौभाग्य के अखंड रहने की कामना के लिए एक पर्व के रूप में मनाया जाता है। हालांकि धार्मिक ग्रंथों में इसके मनाने के कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलते। बावजूद इसके यह पर्व उत्तर भारत में विवाहित महिलाएं बड़े उत्साह, आस्था व उमंग के साथ मनाती हैं।

यह व्रत दोनों के दाम्पत्य जीवन में स्नेह, उल्लास व जीवन के माधुर्य को और प्रगाढ़ करता है। कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है।

अपने पति की लंबी आयु के लिए विवाहित महिलाएं सूर्योदय से व्रत की शुरुआत करती हैं। इस दिन भगवान शिव-पार्वती, गणेश व कार्तिकेय के साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती है। दिन भर बिना जल ग्रहण किए व्रत रखने के बाद रात में चंद्रोदय पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है। उत्तर भारत में ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में इस व्रत को समान रूप से मनाया जाता है।

ND
पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचंद गणेश का पूजन करने का विधान बताया गया है। करवा चौथ में भी संकष्टी गणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति को तिलक लगा पैर छूकर उनके हाथ से जल ग्रहण करने के बाद भोजन किया जाता है।

दिन भर निराहार व्रत के बाद स्त्रियों को चंद्रोदय की बड़ी उत्सुकता के साथ प्रतीक्षा रहती है ताकि वे चंद्रमा का दर्शन कर व्रत का समापन कर सकें। इस व्रत की विशेषता यह है कि इसे केवल सौभाग्यवती स्त्रियां ही करती हैं। सभी आयु, जाति, वर्ण व संप्रदाय की स्त्रियां इस व्रत को रख अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य रक्षा की कामना करती हैं।

इस व्रत को 12 वर्ष या लगातार 16 वर्ष करने के बाद इसका उद्यापन भी किया जा सकता है। सामान्यतः ज्यादातर विवाहित महिलाएं आजीवन इस व्रत का पालन करती हैं। उत्तर भारत में सभी जगह इस व्रत को रखने वाली स्त्रियां अपनी परंपरानुसार चंद्र उदय के बाद पूजन कर व्रत का समापन करती हैं।

यह व्रत पति के प्रति भारतीय नारी के त्याग, स्नेह, आदर, भक्ति भाव व निष्ठा का प्रतीक है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्यों है बंगाल में दुर्गा अष्टमी का इतना महत्व, बंगाल में किस धूम से मनता है यह त्यौहार

Durga ashtami Puja vidhi: शारदीय नवरात्रि 2024: दुर्गा अष्टमी पूजा की विधि, महत्व, मंत्र, भोग, कथा और उपाय

सिर्फ नवरात्रि के 9 दिनों में खुलता है देवी का ये प्राचीन मंदिर, जानिए क्या है खासियत

Dussehra ke Upay: दशहरे पर करें रात में ये 5 अचूक उपाय और सभी समस्याओं से मुक्ति पाएं

Diwali date 2024: विभिन्न पंचांग, पंडित और ज्योतिषी क्या कहते हैं दिवाली की तारीख 31 अक्टूबर या 1 नवंबर 2024 को लेकर?

सभी देखें

नवीनतम

07 अक्टूबर 2024 : आपका जन्मदिन

07 अक्टूबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope October 2024: इस हफ्ते किन राशियों का चमकेगा भाग्य, जानें 07 से 13 अक्टूबर का साप्ताहिक राशिफल

Weekly Panchang 2024: साप्ताहिक कैलेंडर हिन्दी में, जानें 07 से 13 अक्टूबर के शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: 06 अक्टूबर का राशिफल, जानें आज क्या कहती है आपकी राशि