कैसा है आपकी हथेली का सूर्य पर्वत

हथेली के पर्वत बताते हैं स्वभाव

Webdunia
FILE

हथेली पर पर्वतों की स्थिति अलग-अलग स्थानों पर बनती है। हथेली में गुरु, शनि, सूर्य, बुध अंगुली के निचले हिस्से में रहते हैं, वहीं मंगल तर्जनी व अंगूठे के मध्य, शुक्र पर्वत अंगूठे के नीचे, चंद्र पर्वत कनिष्ठिका अंगुली के नीचे व कलाई के ऊपर वाले भाग में स्थित है।

अनामिका अंगुली के मूल में तथा हृदय रेखा के ऊपर का भाग सूर्य पर्वत कहलाता है। यदि सूर्य पर्वत विकसित है तो सफलता का सूचक होता है। हाथ में सूर्य पर्वत का न होना व्यक्ति के लिए साधारण स्थिति व उपेक्षित जीवन का परिचय होता है। सूर्य पर्वत का विकास ही मनुष्य को प्रतिभावान और यशस्वी बनाता है।

सूर्य पर्वत यदि पूर्णरूपेण उन्नत, विकसित तथा आभायुक्त हो तो ऐसा जातक उच्च स्थान पर पहुंचने वाला होता है। ऐसा जातक हंसमुख तथा मित्रों में घुल-मिलकर चलने वाला होता है। ऐसे जातक विख्यात होकर जनसाधारण में लोकप्रिय होते हैं।

यह व्यक्ति सफल कलाकार, श्रेष्ठ संगीतज्ञ, यशस्वी चित्रकार भी होते हैं। इनमें प्रतिभा जन्मजात होती है। व्यावहारिक दृष्टि से ये ईमानदार तथा वैभवशाली जीवन जीने के इच्छुक होते हैं। ऐसे जातक सफल व्यापारी एवं उत्तम आय वाले होते हैं।

FILE
सूर्य पर्वत वाले जातक सामने वाले के मन की थाह पाने वाले होते हैं। हथेली में यदि सूर्य पर्वत विकसित हो तो सामान्य व्यक्ति भी श्रेष्ठ धन-संपन्न बन जाता है। इनके जीवन में कई बार आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। इनका रहन-सहन राजसी और वैभवपूर्ण होता है। ऐसे व्यक्ति हृदय से कोमल होते हैं और बड़ी सहजता से अपनी गलती स्वीकार करने वाले होते हैं। ऐसे जातक सुलझे विचारों और प्रतिभा के धनी होने से अपना विरोध सह नहीं पाते और मुंह पर स्पष्ट बात कह देते हैं। ऐसे जातक कुछ कर गुजरने की क्षमता लिए रहते है।

हथेली में सूर्य पर्वत न होने पर वह जातक मंद बुद्धि या निरक्षर होता है। यदि यह पर्वत कम विकसित हो तो ऐसे व्यक्ति सौंदर्य के प्रति रुचि होते हुए भी उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं कर पाते। स्पष्ट रूप से विकसित सूर्य पर्वत आत्मविश्वास, सज्जनता, दया, उदारता तथा धन वैभव की सूचना देता है।

ऐसे व्यक्ति समाज में दूसरों को प्रभावित करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। ऐसे जातक सम्मानित भी होते हैं। सूर्य पर्वत जरूरत से ज्यादा विकसित (उभरा) होने पर वह व्यक्ति अत्यधिक घमंडी, झूठी प्रशंसा करने वाला, फिजूलखर्ची, झगड़ालू भी होता है। ऐसे लोग जीवन में पूर्ण सफलता नहीं पाते। इनकी मित्रता भी सामान्य लोगों तक रहती हैं।

यदि सूर्य पर्वत शनि की ओर झुका हो तो वह व्यक्ति एकांतप्रिय और निराशावादी होता है एवं उसके पास सदैव धन की कमी बनी रहती है। ऐसे जातक एक कार्य को पूर्ण होने से पहले दूसरे कार्य में लग जाते हैं। इस वजह से दोनों कार्य पूरे नहीं होते। शनि की ओर झुका सूर्य पर्वत भाग्यहीनता की निशानी होती है।

यह पर्वत यदि बुध की ओर झुका हो तो ऐसा जातक सफल व्यापारी और धनवान होकर समाज में सम्मान पाता है। सूर्य पर्वत पर ज्यादा रेखाएं व्यक्ति को बीमार बनाती है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Uttarakhand : चारधाम तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी, श्रद्धालुओं से आवश्यक दवाइयां रखने को कहा

सिद्धार्थ संवत्सर में सूर्य राजा, बुध धनेश, जानें कैसा होगा विश्व के लिए हिन्दू नववर्ष

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण कब से कब तक लगेगा, कहां नजर आएगा, क्या है सूतक काल का समय, 12 राशियों पर प्रभाव

29 मार्च को मीन राशि में शनि और सूर्य की युति, इसी दिन सूर्य पर ग्रहण लगेगा, 3 राशियों को रहना होगा सतर्क

सभी देखें

नवीनतम

02 अप्रैल 2025 : आपका जन्मदिन

02 अप्रैल 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पंचमी व्रत कब रखा जाता है, क्या है इसका महत्व?

नवरात्रि की चतुर्थ देवी कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती

Budh uday: बुध का मीन राशि में उदय, जानिए 12 राशियों का राशिफल