कैसे जानें जन्म का पाया

कुंडली में जन्म के समय चंद्रमा का स्थान

भारती पंडित
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बच्चे का जन्म होते ही बड़े-बुजुर्ग यह जानने को उत्सुक रहते हैं कि बच्चा किस पाए के साथ घर में आया है। कुंडली के बारह स्थानों को चार पायों में बाँटा गया है और इन्हें चार धातुओं-सोना, चाँदी, ताँबा और लोहे का नाम दिया गया है।

जन्म के समय चंद्रमा जिस स्थान पर होता है (कुंडली में) उसके अनुसार पाया जाना जाता है।

1. सोने का पाया : जब चंद्रमा पहले, छठे या ग्यारहवें में हो तो स्वर्ण पाद का जन्म समझा जाता है। श्रेष्ठता क्रम में यह तीसरे नंबर पर आता है।

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2. चाँदी का पाया : चंद्रमा दूसरे, पाँचवे या नववें भाव में हो तो चाँदी के पाए का जन्म माना जाता है। श्रेष्ठता क्रम में यह सर्वोत्तम माना जाता है।

3. ताँबे का पाया : चंद्रमा तीसरे, सातवें या दसवें स्थान में हो तो ताँबे का पाया होता है। श्रेष्ठता क्रम में यह दूसरे क्रम पर है।

4. लोहे का पाया : जब चंद्रमा चौथे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो बच्चे का जन्म लोहे के पाए का होता है। यह पाया शुभ नहीं माना जाता।

वास्तव में चंद्रमा 4, 8, 12 में स्वास्थ्य हानि करता है इसलिए कदाचित लोहे के पाए को अशुभ माना गया है।

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