कैसे पहचानें शनि की साढ़े साती

Webdunia
सोमवार, 3 नवंबर 2014 (14:13 IST)
एक राशि पर शनि ढाई वर्ष रहता है। जब शनि जन्म राशि से 12, 1, 2 स्थानों में हो तो  साढ़े साती होती है। यह साढ़े सात वर्ष तक चलती है। अतएव इसे शनि की साढ़े साती कहते हैं। यह समय प्राय: कष्टदायक होता है, यथा- 
 
द्वादश जन्मगे राशौ द्वितीये च शनैश्चर:। सार्द्धानि सप्तवर्षाणि तदा दु:खैर्युतो भवेत्।।


 
जैसे वृश्चिक राशि में शनि आया है और आपकी राशि मेष है तो आप अपनी राशि से गिनना आरंभ कीजिए तो 8वें स्थान पर वृश्चिक राशि आ रही है। यानी आपको साढ़े साती नहीं है। धनु राशि से गिनना आरंभ कीजिए तो 12वें स्थान पर वृश्चिक राशि आ रही है।

अर्थात् शनि गोचर से (12)बारहवें स्थान पर हो तो सिर पर, जन्म राशि में (1) हो तो हृदय पर, (2) द्वितीय में हो तो पैर पर उतरता हुआ अपना प्रभाव डालता है। जन्म राशि से शनि चतुर्थ, अष्टम हो तो ढैया होती है, जो ढाई वर्ष चलती है। यह भी जातक के लिए कष्टकारी होती है।

Show comments

ज़रूर पढ़ें

कृष्ण जन्माष्टमी पर इस तरह से करें बालमुकुंद की पूजा, मिलेगा फल

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध: कृष्ण लीला और जीवन दर्शन

जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त को, जानिए सही डेट क्या है?

16 अगस्त को होगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें क्यों और कैसे मनाएं?

सूर्य सिंह संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व, कर लें 5 अचूक उपाय

सभी देखें

नवीनतम

मथुरा कृष्‍ण जन्मभूमि और वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में कब मनेगी जन्माष्टमी, रात को क्या है पूजा का समय?

कृष्ण जन्माष्टमी 15, 16 और 17 अगस्त 2025 तीनों दिनों में से कौनसी है सही डेट, पूजा का समय क्या है?

जन्माष्टमी 15 या 16 अगस्त को, जानिए सही डेट क्या है?

पंजीरी भोग क्या है, क्यों है भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय

Aaj Ka Rashifal: संयम और समझदारी बनाए रखेगी सफलता, जानें 16 अगस्त को किस राशि का चमकेगा सितारा