ग्रहण के कारण बंद होंगे हनुमान मंदिर के पट

जानकारों का कहना, नहीं लगेगा ग्रहण का सूतक

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श्री हनुमान जी की महिमा अवर्णनीय है। उनकी स्तुति गान स्वयं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश, दुर्गा, सरस्वती, मानव, दानव, यक्ष, किन्नर, गंधर्व, यम, कुबेर, लोकपाल, दिक्‌पाल, समेत तैंतीस करोड़ देवी-देवता रात-दिन करते हैं।

हनुमान जयंती के मौके पर कई मंदिरों में गुरुवार की सुबह 6 बजे जन्म आरती होगी। मंदिर के पुजारियों के अनुसार चंद्रग्रहण के कारण मंदिर के पट दोपहर 12 बजे बंद हो जाएंगे, तत्पश्चात 26 अप्रैल, शुक्रवार को ठाकुरजी का अभिषेक कर भगवन के पट खुलेंगे।

कई मंदिरों में 24 एवं 25 अप्रैल को दो दिनी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, सामूहिक पूजा एवं हवन आदि कार्यक्रम भी किए जाएंगे। संकट मोचक हनुमानजी का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा।

नहीं लगेगा ग्रहण का सूतक

नहीं लगेगा ग्रहण का सूतक
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ज्योतिषियों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर होने वाले अंगुलाल्प चंद्रग्रहण का सूतक नहीं लगेगा। ज्योतिषी कहते हैं कि धर्मशास्त्रों में अंगुलाल्प चंद्रग्रहण की मान्यता नहीं है। इसीलिए श्रद्घालु मंदिरों में दर्शन-पूजन आदि का लाभ ले सकते हैं।

हनुमान जयंती पर मध्य रात्रि में 34 मिनट का अंगुलाल्प चंद्रग्रहण रहेगा। ग्रहण के सूतक काल को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है। लेकिन ज्योतिर्विदों ने ग्रहण की मान्यता को नकारते हुए सूतक नहीं लगने की बात कही है। वैसे भी चंद्रग्रहण मध्यरात्रि के बाद है। रात 11 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद हो जाते हैं ।

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