दिसंबर में वर्ष की अंतिम उल्का वर्षा

Webdunia
PR
प्रतिवर्ष अंतरिक्ष से होने वाली टूटते तारों की वर्षा सात बार होती है, इसमें वर्ष की अंतिम उल्कापात की घटना 13-14 दिसंबर की दरमियानी रात को होने वाली है।

इस वर्ष कड़कड़ाती रात को घटते चंद्रमा के कारण संध्याकालीन आकाश में चंद्रोदय के पहले शहर से दूर घुप्प अंधेरे भाग में मिथुन राशि से इस आकाशीय उल्कापात की घटना को निहारा जा सकता है।

ND
वराहमिहिर शोध संस्थान के खगोल विज्ञानी संजय केथवास ने बताया कि दिसंबर में पृथ्वी अपनी कक्षा में आगे बढ़ते हुए उल्का स्ट्रीम से गुजरती है, इससे सैकड़ों छोटी-बड़ी उल्काएं पृथ्वी पर बरसते हुए ऊपरी वायुमंडल में जलती हुई नजर आती हैं और आकाश में मनोरम दृश्य उत्पन्न हो जाता है।

ये उल्काएं हमारे वातावरण में जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए प्राकृतिक योगदान देती है। राख के रूप में इनसे विभिन्न प्रकार के अंतरिक्षिय खनिज पदार्थ हमें प्राप्त होते रहते हैं।
Show comments

ज़रूर पढ़ें

वर्ष 2025 में कब से प्रारंभ हो रहे हैं चातुर्मास, कब तक रहेंगे?

सूर्य ग्रहण का किन 2 राशियों पर होगा नकारात्मक प्रभाव?

इस्लाम और यहूदी धर्म में क्या है समानता?

देवशयनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या महत्व है इस एकादशी का?

वर्ष 2025 में कब से शुरू हो रहा है सावन माह का सोमवार, जानिए श्रावण मास डेट एंड पूजा टाइम

सभी देखें

नवीनतम

28 जून 2025 : आपका जन्मदिन

28 जून 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

सावन में अपनी राशि के अनुसार ज्योतिर्लिंग के दर्शन से पाएं महादेव का विशेष आशीर्वाद

पंढरपुर यात्रा कब और क्यों निकाली जाती हैं, जानें इतिहास

सावन सोमवार 2025 में उज्जैन महाकाल सवारी कब कब निकलेगी