नास्त्रेदमस ने अपनी सेंचुरीज के बारे में बताते हुए लिखा था, जो कुछ मैं कह रहा हूं, आने वाला समय बताएगा कि मैं सही था। मैंने जनहित में अपने भविष्य कथनों को उलझे हुए वाक्यों में लिखा है, जिससे प्रभु इच्छा होने पर लोगों को समझ में आ जाए। मैंने यह दैवी प्रेरणा से प्राप्त किया है।
विश्व अनेक त्रासदियों को झेलने वाला है, जैसा कि मैंने अपनी भविष्यवाणियों में स्थान एवं समय को गुप्त रखकर प्रतीकों के द्वारा स्पष्ट किया है। सन् 1566 में नास्त्रेदमस की मृत्यु हुई थी।
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फ्रांस की राज्य क्रांति : सन् 1789 की राज्य क्रांति का संकेत करते हुए सेंचुरी 1, चतुष्दी 14 में बताया गया है- 'आम व्यक्तियों द्वारा राजकुमारी एवं राजपरिवार के सदस्य बंदी बनाए जाएंगे किंतु बंदी बनाने वाले मूर्खों के शिरोच्छेद किए जाएंगे और उसके पश्चात विद्रोही राजपरिवार एवं अभिजात्य लोगों को एक-एक कर मारेंगे।'
' अर्थव्यवथा बिगड़ेगी, जनता राजा का विरोध करेगी। शांति स्थापना के प्रयत्न होंगे। पवित्र कानूनों की समाप्ति होगी, पेरिस का यह संकटपूर्ण दौर अकल्पित होगा।' (से. 4, चतु. 23)।
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राजीव गांधी की मृत्यु का संकेत : ' राजाज्ञा से एक उत्तम वायु चालक अपना पेशा छोड़कर देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हो जाएगा। सात वर्षों तक ख्याति प्राप्त करने के पश्चात उसका ऐसा अंत होगा, जो रोंगटे खड़े कर देगा। (से. 6, चतु. 75)
संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी अपनी माता इंदिराजी की सहायता करने हेतु राजनीति में आए। सन् 1984 में इंदिराजी की हत्या के पश्चात वे कांग्रेस के नेता बने, फिर प्रधानमंत्री। 7 वर्ष पश्चात सन् 1991 में दिल दहला देने वाली हत्या हुई थी।
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इंदिराजी की मृत्यु का भविष्य कथन : ' निष्कासित स्त्री फिर सत्तारूढ़ होगी। उसके बैरी उसके विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे। तीन वर्षों के अपने यादगार कार्यकाल के बाद सत्तर की आयु के लगभग उसकी मृत्यु होगी।' (से. 6, चतु. 74)
सन् 1977 के आम चुनाव में इंदिराजी की पराजय हुई थी और जनता पार्टी की सरकार बनी थी। किंतु 1980 में वे वापस सत्ता में आईं और प्रधानमंत्री बनीं। जब उनकी हत्या कर दी गई, उस समय उनकी आयु 67 वर्ष की थी ।