भद्रा के 12 नाम, दूर करें बुरे प्रभाव

भद्रा के बुरे प्रभावों से बचने के लिए पढ़ें भद्रा के 12 नाम

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भद्रा से सब डरते हैं। पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और राजा शनि की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी कठोर बताया गया है। उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग विष्टी करण में स्थान दिया।

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भद्र ा क ी स्थित ि मे ं कु छ शु भ कार्यो ं, यात्र ा औ र उत्पाद न आद ि कार्यो ं क ो निषे ध मान ा गया । किंत ु भद्र ा का ल मे ं तंत् र कार् य, अदालत ी औ र राजनैति क चुना व कार्यो ं शु भ फ ल देन े वाल े मान े ग ए हैं ।

धन्या दधमुखी भद्रा महामारी खरानना।

कालारात्रिर्महारुद्रा विष्टिश्च कुल पुत्रिका।

भैरवी च महाकाली असुराणां क्षयन्करी।

द्वादश्चैव तु नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्।

न च व्याधिर्भवैत तस्य रोगी रोगात्प्रमुच्यते ।

गृह्यः सर्वेनुकूला: स्यर्नु च विघ्रादि जायते।

भद्रा के बारह नाम हिन्दी में: - धान्या, दधि मुखी, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारूद्रा, विष्टिकरण, कुलपुत्रिका, भैरवी, महाकाली, असुर क्षयकारी हैं।

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