माघ स्नान से होती है स्वर्ग की प्राप्ति

भगवान नारायण को प्रिय माघ मास

Webdunia
ND

- कृष्ण गिरि गोस्वामी

स्वर्ग लोक की इच्छा को पूरा करने के लिए माघ पुण्य स्नान का समय 9 जनवरी से प्रारंभ हो गया है। शास्त्रों एवं पुराणों के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा से माघ मास की पूर्णिमा तक माघ मास में पवित्र नदी नर्मदा, गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी सहित अन्य जीवनदायनी नदियों में स्नान करने से मनुष्य को पापों से छुटकारा मिल जाता है और स्वर्गलोकारोहण का मार्ग खुल जाता है।

महाभारत में है उल्लेख : महाभारत के एक दृष्टांत में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन दिनों में अनेक तीर्थों का समागम होता है। वहीं पद्मपुराण में कहा गया है कि अन्य मास में जप, तप और दान से भगवान विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि वे माघ मास में स्नान करने से होते हैं।

यही वजह है कि प्राचीन ग्रंथों में नारायण को पाने का सुगम मार्ग माघ मास के पुण्य स्नान को बताया गया है।

एक दिन स्नान आवश्यक
ज्योतिषाचार्य पं. राजकुमार शास्त्री के अनुसार निर्णय सिंधु में कहा गया है कि माघ मास के दौरान मनुष्य को कम से कम एक बार पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। भले पूरे माह स्नान के योग न बन सकें लेकिन एक दिन के स्नान से स्वर्गलोक का उत्तराधिकारी बना जा सकता है। इस बात का उदाहरण इस श्लोक से मिलता है।

॥ मासपर्यन्त स्नानासम्भवे तु त्रयहमेकाहं वा स्नायात्‌ ॥
- अर्थात् जो लोग लंबे समय तक स्वर्गलोक का आनंद लेना चाहते हैं, उन्हें माघ मास में सूर्य के मकर राशि में स्थित होने पर अवश्य तीर्थ स्नान करना चाहिए।

संकल्प ले ं
॥ स्वर्गलोक चिरवासो येषां मनसि वर्तते
यत्र काच्पि जलै जैस्तु स्नानव्यं मृगा भास्करे॥
- अर्थात् माघ स्नान का संकल्प शास्त्रों के अनुसार पौष पूर्णिमा को ले लेना चाहिए। स्नान के बाद भगवान विष्णु का पूजन-अर्चन करना चाहिए। हो सके तो एक समय भोजन का व्रत करना चाहिए।

ND


दान का विशेष महत्व : माघ मास में दान का विशेष महत्व है। दान में तिल, गु़ड़ और कंबल का विशेष पुण्य है। मत्स्य पुराण का कथन है कि माघ मास की पूर्णिमा में जो व्यक्ति ब्राह्मण को ब्रह्मावैवर्तपुराण का दान करता है, उसे ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है।

माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से एक विशेष ऊर्जा प्राप्त होती है। वहीं शास्त्रों व पुराणों में वर्णित है कि इस मास में पूजन- अर्चन व स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है। वहीं मास के स्नान से स्वर्ग की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।

माघ की विशेषता को लेकर सदियों से पूरे भारत वर्ष में नर्मदा व गंगा सहित कई पवित्र नदियों के तट पर माघ मेला भी लगते हैं।

Show comments

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा नुकसान, जानें उपाय

Sabse bada ghanta: इन मंदिरों में लगा है देश का सबसे वजनी घंटा, जानें क्यों लगाते हैं घंटा

अब कब लगने वाले हैं चंद्र और सूर्य ग्रहण, जानिये डेट एवं टाइम

Akshaya tritiya 2024: अक्षय तृतीया कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में क्या होगा देश और दुनिया का भविष्य?

Weekly Calendar 2024 : 29 अप्रैल से 05 मई, जानें नवीन सप्ताह के पंचांग कैलेंडर मुहूर्त

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के घर आज आएंगी अपार खुशियां, पढ़ें 28 अप्रैल का दैनिक राशिफल

28 अप्रैल 2024 : आपका जन्मदिन

28 अप्रैल 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Astrology: कब मिलेगा भवन और वाहन सुख, जानें 5 खास बातें और 12 उपाय