रुद्राक्ष का पेड़ फलों से लदा

दुर्लभ एक मुखी रुद्राक्ष भी लगे

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हिमालय की बर्फीली वादियों में बसे नेपाल से चार साल पहले इंदौर लाए गए रुद्राक्ष के पेड़ में इस बार खूब फल आए हैं। इनमें दुर्लभ एकमुखी रुद्राक्ष भी लगे हैं। शहर के गर्म वातावरण में इस पेड़ को फलने-फूलने के लिए विशेष साज-संभाल की जा रही है।

स्वयं भगवान शिव का स्वरूप माने जाने वाले रुद्राक्ष का यह दुर्लभ पेड़ इंदिरा गाँधी नगर स्थित होमगार्ड के कंपनी कमा ंडर आरसी दवे के घर लगा हुआ है। उन्होंने वर्ष 2005 में नेपाल से रुद्राक्ष का पौधा मँगवाया था। एकदम ठंडे वातावरण में पनपने वाले इस पेड़ के लिए विशेष इंतजाम किए गए। गर्मी के दिनों में धूप से बचाने के लिए इस पर शेड लगाकर छाया की जाती है। साथ ही चींटी, कीड़ों से बचाने के लिए इसमें नीम की पत्तियों का चूरा और चीटीनाशक पावडर डाला जाता है।

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दवे ने बताया कि जब यह पौधा नेपाल से आया था तब यह डेढ़ महीने का था और अब 15 फुट ऊँचा पेड़ हो गया है। इसमें बारिश के मौसम में सफेद फूल लगते हैं जो तीन महीने में फल बन जाते हैं और पककर स्वयं नीचे गिर जाते हैं।

उन्होंने बताया कि यह दुर्लभ किस्म का पेड़ है। इसमें एक मुखी से लेकर पाँच मुखी तक के रुद्राक्ष लगते हैं। इस साल इसमें एक मुखी रुद्राक्ष भी लगे हैं। उन्होंने बताया कि पेड़ ठीक से पनपे इसलिए पेड़ के पास भीमाशंकर से लाई गई शिव प्रतिमा की स्थापना की गई है।

भगवान शिव का प्रिय आभूषण रहे एक से चौदह मुखी रूद्राक्ष ज्योतिषीय दृष्‍टि से काफी महत्वपूर्ण है। ग्रहों के निदान एवं जीवन को सुखमय बनाने के लिए रूद्राक्ष को धारण करने की सलाह कई ज्योतिषी देते हैं।

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