लक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त

- दाती मदन महाराज

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इस वर्ष दीपावली कार्तिक कृष्ण की चतुर्दशी तदुपरांत अमावस्या शनिवार दिनांक 17.10.2009 को है।

दीपावली के शुभ मुहूर्त : 17.10.2009 को
ND
गद्दी व कलम में स्याही भरने का मुहूर्त प्रातःकाल सूर्योदय के समय शुभ मुहूर्त है।
दोपहर 1.30 मिनट से लेकर 4.30 बजे तक लाभ व अमृत का योग है।

प्रदोष का ल
प्रदोष काल शाम 5.40 मिनट से लेकर 8.40 मिनट तक रहेगा। दीपावली पूजन हमेशा स्थिर लग्न में किया जाता है।

दीपावली की रात्रि को स्थिर लग्न इस प्रकार है-
दोपहर में कुंभ लग्न में 3.10 मिनट से लेकर 4.35 मिनट तक
सायंकाल में वृषभ लग्न 7.44 मिनट से लेकर 9.40 मिनट तक एवं अर्धरात्रि में सिंह लग्न 2.12 मिनट से लेकर 4.29 मिनट तक है। यह दीपावली का प्रमुख पूजन समय।

श्रीमहालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक कृष्ण अमावस में प्रदोष काल एवं अर्धरात्रि व्यापिनी हो, तो विशेष रूप से शुभ होती है।

दीपावली की शाम (प्रदोषकाल) में स्नान उपरांत स्वच्छ वस्त्राभूषण धारण करके धर्मस्थल पर मंत्रपूर्वक दीपदान करके अपने निवास स्थान पर श्रीगणेश सहित महालक्ष्मी, कुबेर, महाकाली पूजन आदि करके अल्पाहार करना चाहिए। तदुपरांत यथोपलब्ध प्रदोष, निशीथ आदि शुभ मुहूर्तों में मंत्र जप, यंत्र सिद्धि आदि अनुष्ठान संपादित करने चाहिए। दीपावली पूजन के पश्चात गृह में चौमुखा दीपक रात्रि भर प्रज्वलित रहना सौभाग्य एवं लक्ष्मी वृद्धि का द्योतक माना जाता है।

17 अक्टूबर 2009 ई., शनिवार की अमावस एवं हस्त नक्षत्र लेकिन प्रदोष काल के बाद चित्रा नक्षत्र कालीन वैधृति योग में होगा दीपावली पूजन। शनिवार की दीपावली मंत्र जाप, सिद्धि एवं साधन के लिए विशेष रूप से ग्राह्य मानी गई है।

अमावस्या में यदि शनिवार हो, तो गंगा में स्नान, पितृ तर्पण करने से एक हजार गोदान का फल प्राप्त करता है।

लक्ष्मी पूजन का सही मुहूर्त मालूम न होने से कई बार पूजन का फल पूर्ण नहीं मिल पाता। लक्ष्मी पूजा का शुभ समय रहेगा, इसकी विस्तृत जानकारी दे रहे हैं-

सायं 7 घं. 21 मिनट का मेष लग्न, तदुपरांत 7 घं. 22 मिनट से रात्रि 9 घं. 15 मिनट तक वृष लग्न विशेष प्रशस्त रहेगा। शाम 7.27 मिनट से 9.00 मिनट तक रात्रि की उद्वेग की चौघड़िया रहेगी।

प्रदोष काल में वृष लग्न, हस्त नक्षत्र, तुला का सूर्य एवं लाभ की चौघड़िया रहेगी।

इसीलिए शाम 7.22 मिनट से 10.19 मिनट के बीच में दीप प्रज्वलित करना। रात्रि 9.02 मिनट से लेकर 9.16 मिनट के बीच में लक्ष्मी पूजन प्रारंभ करना अति अनुकूल रहेगा।

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