लेखक बनाती है बुध-शनि युति

भारती पंडित
बुध व शनि मित्रग्रह हैं। इनकी युति-प्रतियुति या केंद्र योग शुभ फल देने वाला होता है। ये व्यक्ति सुलझी हुई व गहरी सोच रखने वाले होते हैं। हर बात को विचार कर फिर कहना इनके स्वभाव में होता है।

इस युति के प्रभाव से व्यक्ति लेखन कार्य में रूचि लेता है। उपन्यासकार, इतिहासकार, प्रकाशक, संशोधक, आलोचक, भाषा शिक्षक व लेखकों आदि की कुंडली में यह युति प्रमुखता से देखने में आती है। ये व्यक्ति व्यावसायिक बुद्धि भी रखते हैं। अत: लिखे गए साहित्य को प्रकाशित कैसे किया जाए, यह जुगत लगाने में भी कुशल होते हैं।

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समाज में इन व्यक्तियों को मान-सम्मान मिलता है। हाँ, धन की आकस्मिकता रह सकती है। यदि बुध-शनि पर पाप प्रभाव हो तो कार्यों में विलंब तथा श्रवण व वाणी दोष संभव है। ऐसे में बुध व शनि को मजबूत करने के उपाय करना चाहिए।

विशेष : बुध-शनि युति यदि शुभ हो तो इन व्यक्तियों को साढ़ेसाती काल में अत्यंत शुभ फल मिलते हैं।
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