वक्री शनि-राहु का योग, पढ़ें 12 राशियों पर असर

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- आचार्य डॉ. संजय

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इस समय शनि वक्री चल रहे हैं तथा राहु के साथ तुला राशि में स्थित है। 12 जुलाई को राहु, तुला से कन्या राशि में चला जाएगा जबकि 14 जुलाई को मंगल भी तुला राशि में आ रहा है। इस स्थिति में मंगल और शनि की युति बन जाएगी।

जानिए ग्रहों के इस परिवर्तन का 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

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मेष राशि वालों के लिए राहु के साथ वक्री शनि काफी प्रभावी रहेगा। यह नैराश्य उत्पन्न करता है। मांगलिक कार्यों और उत्सवों के प्रति भी उदासीनता बन सकती है। इस स्थिति से उबरने के लिए हनुमान आराधना करें और हनुमान मंदिर में कम से कम 5 या 11 शनिवार हनुमानजी के चरणों में सिन्दूर अर्पित करें।


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वृषभ राशि के लिए अनावश्यक भय का कारण बनता है। इस स्थिति में प्रत्येक कार्य सोच-विचार कर करें। सफलता में भी विलंब हो सकता है। सावधान रहें और विवादों से बचें। भय पर काबू पाने के लिए कम से कम 5 या 11 शनिवार शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें और मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।


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मिथुन राशि के जातकों के लिए वक्री शनि और राहु एक साथ तुला राशि में होने से किसी भी कार्य में स्वयं ही को आगे रहकर मार्ग बनाना होगा। मांगलिक कार्यों में विलंब अपेक्षित होगा। कार्य समय पर करने के लिए प्रत्येक बुधवार को श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करें।


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कर्क राशि के जातकों के लिए वक्री शनि का राहु के साथ युति बनाना बहुत शुभ रहेगा। लंबे समय से हो रही परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। आर्थिक परेशानियां दूर होंगी एवं धनलाभ होगा। अधिक प्रभाव के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं।

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सिंह राशि के जातकों के लिए वक्री शनि का परिभ्रमण लाभकारी सिद्ध होगा। धन के साथ ही मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी, परंतु किसी भी नए कार्य में सतर्कता बरतें तो अवश्य लाभ मिलेगा। अधिक लाभ पाने के लिए प्रतिदिन सुबह सूर्य को अर्घ्य दें।

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कन्या राशि के जातकों की राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है अत: सतर्कता बेहद आवश्यक है। वक्री शनि और राहु के चलते षड्यंत्र के शिकार हो सकते हैं अत: सोच-समझकर कार्य करें। सोच-समझकर लोगों पर भरोसा करें। शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए प्रत्येक शनिवार शनि के निमित्त तेल का दान करें।

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तुला राशि के जातकों की राशि में शनि स्थित है। वर्तमान में तुला राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढय्या चल रहा है। वक्री शनि राहु के साथ तुला राशि में स्थित है अत: अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। आर्थिक परेशानी हो सकती है और संतान की ओर से कष्ट मिल सकता है। शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा का जप करें।


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वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का प्रथम ढय्या चल रहा है। वक्री शनि होने से यह समय लाभदायक रहेगा। कार्यों में सफलता मिलेगी। धन एवं स्वास्थ्य का लाभ होगा। मान-सम्मान में वृद्धि, संतान से लाभ व कार्यों में सफलता मिलेगी। अधिक लाभ के लिए काले वस्त्र दान करें।


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धनु राशि के जातकों के लिए राहु के साथ वक्री शनि कार्यों में वृद्धि करेगा, परंतु 12 जुलाई तक अनचाहे कार्य भी करने पड़ सकते हैं। नवीन योजनाओं में नुकसान होने की संभावनाएं हैं अत: सावधान रहें। खर्चों में बढ़ोतरी हो सकती है। लाभ/सफलता पाने के लिए शनिवार को शनिदेव को नीले पुष्प अर्पित करें और तेल चढ़ाएं।


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मकर राशि के जातकों के लिए आने वाला समय लाभकारी रहेगा। राहु और वक्री शनि कार्यों में सफलता दिलवाएंगे। व्यापार में वृद्धि होगी, धनलाभ होगा। अपने कार्यों के बल पर समाज में मान-सम्मान मिलेगा। परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। अधिक प्रभाव के लिए शनिवार के दिन बच्चों को मिठाई खिलाएं।

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कुंभ राशि के जातकों का स्वामी शनि है अतएव वक्री शनि किसी बड़े कार्य में सफलता दिलाएगा। स्थान परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। नौकरी में लाभ होगा। संतान सुख व वाहन सुख प्राप्त होगा। अधिक लाभकारी प्रभाव के लिए शनिवार को शनि मंत्र 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का जप करें।

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मीन राशि के जातक वक्री शनि से लाभ अर्जित करेंगे। आर्थिक लाभ होगा। लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता मिलेगी। घर-परिवार में प्रसन्नता बनी रहेगी। मित्रों से सहयोग मिलेगा। अधिक लाभकारी प्रभाव के लिए प्रतिदिन सुबह हनुमान चालीसा का जप करना चाहिए ।

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