मोती कब पहनें

भारती पंडित
सामान्यत: चंद्रमा क्षीण होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है मगर हर लग्न के लिए यह सही नहीं है। ऐसे लग्न जिनमें चंद्रमा शुभ स्थानों (केंद्र या‍ त्रिकोण) का स्वामी होकर निर्बल हो, ऐसे में ही मोती पहनना लाभदायक होता है। अन्यथा मोती भयानक डिप्रेशन, निराशावाद और आत्महत्या तक का कारक बन सकता है।

लग्न कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थानों का स्थायी हो मगर,
1. 6, 8, या 12 भाव में चंद्रमा हो तो मोती पहनें।
2. नीच राशि (वृश्चिक) में हो तो मोती पहनें।
3. चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहनें।
4. चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनें।
5. चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो भी मोती धारण करना चाहिए।
6. चंद्रमा की महादशा होने पर मोती अवश्य पहनना च‍ाहिए।
7. चंद्रमा क्षीण हो, कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनने से लाभ मिलता है।

  ND
चंद्रमा के बलि होने से न केवल मानसिक तनाव से ही छुटकारा मिलता है वरन् कई रोग जैसे पथरी, पेशाब तंत्र की बीमारी, जोड़ों का दर्द आदि से भी राहत मिलती है।

विशेष :
यदि चंद्रमा लग्न कुंडली में अशुभ होकर शुभ स्थानों को प्रभावित कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में मोती धारण न करें। बल्कि सफेद वस्तु का दान करें, शिव की पूजा-अभिषेक करें, हाथ में सफेद धागा बाँधे व चाँदी के गिलास में पानी पिएँ।

क्षिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा क्या है, कहां से कहां तक होती है, क्या है इसका महत्व?

नीम में शक्ति है शनि और मंगल को काबू में करने की, 10 फायदे

जगन्नाथ मंदिर जाने का बना रहे हैं प्लान तो वहां जाकर जरूर करें ये 5 कार्य

मंगल का सिंह राशि में गोचर, 3 राशियों के जीवन में होगा मंगल

चीन से निकलने वाली ब्रह्मपुत्र नदी के बारे में 10 खास जानकारी

10 जून 2025 : आपका जन्मदिन

10 जून 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

वट सावित्री व्रत की 5 खास बातें, इस दिन करें 5 अचूक उपाय

बुध का मिथुन राशि में प्रवेश, क्या होगा 12 राशियों का राशिफल

आप पहली बार कर रहीं हैं वट सावित्री व्रत? तो जानिए पूजा सामग्री और विधि