चमकदार सफलता चाहिए तो इस दिन धारण करें डायमंड, जानिए महत्व

Webdunia
सोलहवीं शताब्दी के लगभग भारत भी हीरा उत्पादक क्षेत्रों में माना जाता रहा। मुख्य रूप से दक्षिणी अफ्रीका हीरे का उत्पादक व विक्रेता रहा है। अब नई तकनीक व मशीनों के कारण हीरों का उत्पादन अधिक सरल हो गया है। यह पीला, भूरा, नीला व लाल आदि रंगों में पाया जाता है। अंगोला, नामीबिया, रूस व विश्व के अन्य देशों में हीरों की खुदाई की जाती है व बहुतायत से हीरा पाया जाता है। 
 
हीरा सभी रत्नों में सर्वोपरि, चमकदार व कठोर होता है। इसमें खरोंच नहीं आती इसीलिए इसे वज्र कहा गया है। यह पृथ्वी के गर्भ में लाखों वर्षों की प्रक्रिया के उपरांत कोयले से बना बेशकीमती रत्न है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में हीरे पर विशेष चर्चा की गई है। देवताओं से लगाकर मनुष्यों तक पर रत्नों का प्रभाव रहा है और हीरा तो हीरा है। हीरे का आपेक्षित गुरुत्व 3:48 होता है। यह पूर्ण पारदर्शी रत्न है। इसमें दाग, धब्बा, खरोंच होना दोषयुक्त माना गया है। असली हीरे को धूप में रखने पर किरणें निकलने लगती हैं। इसकी चमकदार किरणों की संख्या से पहचान की जाती है। 
 
ऐसी भी मान्यता है कि श्वेत हीरा सात्विक, लाल हीरा तमोगुणी, पीला हीरा रजोगुणी तथा काला हीरा शूद्रवर्णीय होता है। 
 
इसका ज्योतिषीय दृष्टिकोण यह है कि हीरा शुक्र का रत्न है। वृषभ व तुला राशि के अधिपति शुक्र हैं। इनका हीरा स्वयं तो मूल्यवान है ही, धारक को भी मालामाल कर देता है। यदि कुंडली के अच्छे भावों के स्वामी शुक्र हों, तो हीरा धारण कर सुख-संपदा में वृद्धि की जा सकती है। 
 
लग्नेश शुक्र होने पर शरीर व स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, पंचमेश शुक्र होने पर संतान व शिक्षा के लिए तथा नवमेश शुक्र होने पर भाग्योन्नाति, संतान सुख व धर्म कार्य की वृद्धि के लिए हीरा धारण किया जाना चाहिए। कई देवज्ञ शुक्र की महादशा में बाधाएं आने पर, विवाह संबंधों में विलंब होने पर तथा कुंडली में शुक्र निर्बल, पीड़ित व शत्रु क्षेत्रीय होने पर भी हीरा धारण करने का परामर्श देते हैं। 
 
शुक्र महाराज काम के देवता हैं। इनकी प्रसन्नता मानव जीवन को सृजन, कला व आनंद से जोड़ती है। अतः यथायोग्य स्थिति को ज्ञात कर हीरा धारण करने पर शुभता में वृद्धि होती है। हीरा रत्न अनामिका में, शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को, अभिमंत्रित कर, शुक्र के सोलह हजार जप (ॐ शुं शुक्राय नमः) करवा कर धारण करने का विधान है। हीरे के साथ मोती, माणिक्य, मूंगा तथा पीला पुखराज धारण करना निषेध है। 

ALSO READ: शनि ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए पहनते हैं ये 5 तरह के रत्न

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

शुक्र का धन राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा धनलाभ

Weekly Horoscope: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सप्ताह, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल (18 से 24 नवंबर)

Shani Margi: शनि का कुंभ राशि में मार्गी भ्रमण, 4 राशियों को मिलेगा लाभ

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?

काल भैरव जयंती पर करें मात्र 5 उपाय, फिर देखें चमत्कार

सभी देखें

नवीनतम

22 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

22 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Kanya Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कन्या राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

विवाह में आ रही अड़चन, तो आज ही धारण करें ये शुभ रत्न, चट मंगनी पट ब्याह के बनेंगे योग

Singh Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: सिंह राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख