कौस्तुभ मणि के 5 रहस्य, कहां पाई जाती है, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
सांकेतिक चित्र
वेद, रामायण, महाभारत और पुराणों में कई तरह की चमत्कारिक मणियों का जिक्र मिलता है। पौराणिक कथाओं में सर्प के सिर पर मणि के होने का उल्लेख मिलता है। पाताल लोक मणियों की आभा से हर समय प्रकाशित रहता है। सभी तरह की मणियों पर सर्पराज वासुकि का अधिकार है। मणि एक प्रकार का चमकता हुआ पत्थर होता है। मणि को हीरे की श्रेणी में रखा जा सकता है।
 
 
मणियां कई प्रकार की होती हैं। उनमें से कुछ तो अब नहीं पाई जाती और कुछ का मिलना दुर्लभ और कुछ अभी भी पाई जाती है। प्रमुख मणियां 9 मानी जाती हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि। लेकिन हम जानते हैं कौस्तुभ मणि के बार में 5 रहस्य।
 
1. कौस्तुभ मणि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। पुराणों के अनुसार यह मणि समुद्र मंथन के समय प्राप्त 14 मूल्यवान रत्नों में से एक थी। 
 
2. कौस्तुभ मणि को भगवान विष्णु धारण करते हैं। यह बहुत ही कांतिमान मणि है।
 
3. यह मणि जहां भी होती है, वहां किसी भी प्रकार की दैवीय आपदा नहीं होती।  
 
4. माना जाता है कि समुद्र के तल या पाताल में आज भी यह मणि पाई जाती है।
 
5. यह मणि हर तरह के संकटों से रक्षा करती है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

क्या ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन से हो चुकी है तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत, इस तारीख तक मिट जाएगा पाकिस्तान

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

गुरु, राहु, केतु, सूर्य और बुध करेंगे इस सप्ताह राशि परिवर्तन, क्या होगा कुछ बड़ा?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

पिशाच योग, खप्पर योग, षडाष्टक योग और गुरु के अतिचारी होने से होगा महायुद्ध?

सभी देखें

नवीनतम

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

अचला या अपरा एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?

Aaj Ka Rashifal: व्यापार, प्रेम, करियर और नौकरी का विशेष भविष्यफल, जानें 15 मई का दैनिक राशिफल

15 मई 2025 : आपका जन्मदिन

15 मई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख