पुखराज : आपके लिए कितना शुभ-कितना अशुभ

पुखराज किस रत्न के साथ पहनें कि शुभता बढ़ाए

पं. अशोक पँवार 'मयंक'
पुखराज रत्न की रंगत पलाश के फूलों जैसी होती है। पुखराज एक बहुमूल्य रत्नों में से एक है। यह गुरु ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने वाला होता है। यह रत्न धनु राशि एवं मीन राशि वालों का प्रतिनिधित्व करता है। इसके पहनने से ज्ञान में वृद्धि होती है।

गुरु, जिनका जन्म के समय पत्रिका में कमजोर है या अशुभ प्रभाव दे रहा है ऐसे जातक को इसके पहनने से शुभत्व की प्राप्ति होती है। इसे राजनीतिज्ञ, न्यायाधीश, प्रशासनिक सेवाओं से जुडे़ व्यक्ति, आईपीएस जैसे व्यक्ति पहन कर लाभान्वि‍त होते हैं।

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यह रत्न सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाता है। इसके पहनने से बुरे विचार दूर होते हैं। अन्याय के प्रति लड़ने की ताकत बढ़ती है। इसे कई कलाकार, टीवी सीरियलों के अभिनेता-अभिनेत्रियों को पहने देखा जा सकता है।

इस रत्न के साथ मूंगा पहनने से नई ऊर्जा के साथ साहस बल की कमी को दूर करता है। जो जातक प्रशासनिक सेवाओं में है वे भी धारण कर सकते हैं।

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुंभ राशि व लग्न वालों को इस रत्न से बचना चाहिए अथवा कुंडली में गुरु की स्थिति देखकर पहनना चाहिए।


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मेष लग्न वालों के लिए गुरु भाग्य यानी नवम भाव का स्वामी होता है। इसकी अशुभता में भाग्य में कमी आती है। अत: भाग्यवृद्धि के लिए इसे पहन सकते हैं।

कर्क लग्न वालों के लिए गुरु भाग्येश के साथ षष्टेश भी होता है। अत: पुखराज पहनना शुभ रहता है। धर्म-कर्म में आस्था बढ़ाने के साथ-साथ भाग्य में भी वृद्धि करता है। स्वयं व संतान को भी लाभ पहुंचाता है। इस लग्न के जातक मोती के साथ पुखराज धारण कर शुभफल पा सकते हैं।

सिंह लग्न वालों के लिए गुरु पंचम यानी विद्या, मनोरंजन का प्रति‍निधित्व करता है अत: इस क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति पुखराज पहनने से लाभ पा सकते हैं। सिंह लग्न वाले माणिक के साथ पुखराज पहनकर विशेष लाभ पाने में समर्थ होते हैं।

वृश्चिक लग्न वाले जातकों के लिए गुरु धनेश होकर पंचमेश होता है अत: धन, वाणी, संतान, मनोरंजन भाव के लिए लाभप्रद है। मनोरंजन से जुड़े व्यक्ति लाभ पा सकते हैं। इस लग्न वाले जातक सिंदूरिया मूंगे के साथ पुखराज पहनें।

धनु लग्न वालों के लिए लग्न का स्वामी होने के साथ-साथ गुरु सुख, माता, भवन, जायदाद का स्वामी भी होता है। जातक स्वतंत्र रूप से पुखराज का लॉकेट बनवाकर गले में धारण कर सकते हैं।

मीन लग्न वाले जातकों के लिए गुरु लग्नेश होकर दशमेश भी है। व्यापार, पिता, नौकरी, राजनीति का प्रतिनिधित्व करता है। उच्च प्रशासनिक सेवा वाले जातक इस रत्न को पहन सकते है। जातक मूंगा व मोती के साथ पुखराज पहन कर अनेक लाभ पा सकते हैं।


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अन्य लग्न व राशि वाले (वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, कुंभ राशि व लग्न) जातकों के लिए पुखराज अकारक होने से पहनना अशुभ भी हो सकता है। पुखराज गुरु की महादशा में या किसी भी दशा में गुरु की अंतर्दशा हो तो इस रत्न को धारण किया जा सकता है।

इस रत्न का मोल बहुत ही समझदारी से करना चाहिए। इस रत्न को रंगत देकर कई व्यापारी बहुत ही कीमत में बेचते हैं। इसके वास्तविक कीमत रंग, गुणवत्ता, पारदर्शिता व वजन के हिसाब से तय होती है। पुखराज के साथ अन्य रत्न पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिष की सलाह अवश्य लें।

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